सरकार दे रही बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों को हर महीने पेंशन, जानें कैसे लें इस स्कीम का लाभ

punjabkesari.in Saturday, Nov 08, 2025 - 07:04 PM (IST)

नेशनल डेस्क : गरीबी रेखा से नीचे (BPL) आने वाले परिवारों की आर्थिक सहायता के लिए केंद्र सरकार ने नेशनल सोशल असिस्टेंस प्रोग्राम (NSAP) के तहत पांच प्रमुख योजनाएं शुरू की हैं। यह योजना पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित है और ग्रामीण व शहरी—दोनों क्षेत्रों में लागू की जाती है। कार्यक्रम का संचालन ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा किया जाता है।

NSAP का उद्देश्य वृद्धों, विधवाओं, दिव्यांगजनों और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। इसके तहत पेंशन और परिवार सहायता के साथ-साथ जरूरतमंद बुजुर्गों को मुफ्त अनाज भी दिया जाता है।

NSAP के तहत चल रही 5 प्रमुख योजनाएं

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (IGNOAPS)
60 वर्ष या उससे अधिक आयु के BPL बुजुर्गों को मासिक पेंशन दी जाती है।

60 से 79 वर्ष तक: ₹200 प्रति माह

80 वर्ष से अधिक: ₹500 प्रति माह

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना (IGNWPS)
40 से 79 वर्ष की विधवाओं को ₹300 प्रतिमाह, जबकि 80 वर्ष से अधिक आयु पर ₹500 प्रतिमाह पेंशन मिलती है।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांग पेंशन योजना (IGNDPS)
18 से 79 वर्ष तक के गंभीर या मल्टीपल डिसेबिलिटी वाले BPL व्यक्तियों को ₹300 प्रतिमाह, और 80 वर्ष से ऊपर ₹500 प्रतिमाह दिए जाते हैं।

राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना (NFBS)
यदि किसी BPL परिवार के कमाने वाले सदस्य (18 से 59 वर्ष) की मृत्यु हो जाती है, तो परिवार को एकमुश्त ₹20,000 की आर्थिक सहायता दी जाती है।

अन्नपूर्णा योजना
ऐसे बुजुर्ग जो IGNOAPS के योग्य हैं लेकिन पेंशन नहीं पा रहे, उन्हें हर महीने 10 किलो मुफ्त अनाज प्रदान किया जाता है।

आवेदन प्रक्रिया

इन योजनाओं के लिए इच्छुक लाभार्थी UMANG ऐप या https://web.umang.gov.in
 वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

मोबाइल नंबर और OTP के जरिए लॉगिन करें या नया अकाउंट बनाएं।

सर्च बार में NSAP टाइप करें और “Apply Online” पर क्लिक करें।

आवश्यक विवरण भरें, फोटो अपलोड करें और आवेदन सबमिट करें।

निगरानी और भुगतान प्रणाली
लाभार्थियों की पहचान ग्राम पंचायत या नगर पालिका द्वारा की जाती है। अधिकांश भुगतान DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे बैंक या पोस्ट ऑफिस खाते में भेजा जाता है। जरूरत पड़ने पर कैश डिलीवरी की सुविधा भी उपलब्ध है। प्रत्येक राज्य को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करना अनिवार्य है और हर तिमाही प्रगति रिपोर्ट भेजनी होती है, अन्यथा फंड जारी नहीं किया जाता।


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Content Editor

Shubham Anand

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