अब मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन के लिए भी लिए देने पड़ सकते है पैसे, आने वाला नया रूल... जानें कितना लगेगा चार्ज
punjabkesari.in Friday, Jun 27, 2025 - 05:44 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunications) ने मोबाइल फोन नंबरों से जुड़ी धोखाधड़ी को कम करने के उद्देश्य से नए साइबर सुरक्षा नियमों का मसौदा तैयार किया है। 24 जून को फाइल किए गए इस ड्राफ्ट में मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन के लिए एक नया केंद्रीकृत प्लेटफॉर्म बनाने का सुझाव दिया गया है।
नया MNV प्लेटफॉर्म नंबर वेरिफिकेशन को बनाएगा अधिक सुरक्षित
प्रस्तावित MNV (मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन) प्लेटफॉर्म में सभी कस्टमर वेरिफिकेशन लाइसेंसधारक शामिल होंगे। यह प्लेटफॉर्म उन एंटिटीज़ को नंबर वेरिफाई करने में मदद करेगा, जिन्हें TIUE (टेलिकम्युनिकेशन आइडेंटिफायर यूजर एंटिटी) कहा जाता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उपयोग में लाया जा रहा मोबाइल नंबर वैध डेटाबेस में मौजूद हो।
वेरिफिकेशन के लिए इतना देना होगा शुल्क
ड्राफ्ट के अनुसार, यदि कोई एंटिटी केंद्र या राज्य सरकार द्वारा अधिकृत है तो हर नंबर के वेरिफिकेशन के लिए 1.5 रुपए चार्ज किया जाएगा। वहीं, प्राइवेट संस्थाओं के लिए यह शुल्क प्रति नंबर 3 रुपए होगा। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह शुल्क कौन वहन करेगा, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि यह भार सीधे उपभोक्ताओं पर पड़ सकता है।
सरकारी एजेंसियों को मिलेगी गैर-दूरसंचार संस्थाओं से डेटा इकट्ठा करने की अनुमति
नई नियमावली के तहत, सरकारी अधिकृत एजेंसियों और कानून प्रवर्तन संस्थाओं को गैर-दूरसंचार संस्थाओं से भी उपयोगकर्ताओं के लेन-देन का विवरण जुटाने का अधिकार मिलेगा। इस बदलाव से धोखाधड़ी की रोकथाम में काफी मदद मिलने की उम्मीद है।
बैंकों ने शुरू किया धोखाधड़ी वाले नंबरों के खिलाफ पायलट प्रोजेक्ट
रिपोर्ट्स के अनुसार, बैंकों ने पहले ही इस मैकेनिज्म का पायलट टेस्टिंग शुरू कर दी है। इसके तहत उन नंबरों को चिन्हित किया जाएगा जो धोखाधड़ी में शामिल रहे हैं। ऐसे नंबरों को 90 दिनों के लिए निष्क्रिय कर दिया जाएगा और 90 दिन बाद उनका रिकॉर्ड डिलीट कर दिया जाएगा ताकि यदि नंबर किसी नए यूजर को दिया जाए तो उसे समस्या न हो।