अब समय भी होगा बैंक में जमा, जानें क्यों स्विट्जरलैंड में लोग बैंक में जमा कर रहे हैं 'टाइम'

punjabkesari.in Thursday, Jul 17, 2025 - 11:21 PM (IST)

नेशनल डेस्क: हम अक्सर अपने बुजुर्गों से सुनते आए हैं कि "समय सबसे बड़ा धन है", लेकिन अब यह कहावत हकीकत बनती नजर आ रही है। स्विट्जरलैंड ने एक अनोखी पहल की है, जिसमें लोग अपने समय को बचत की तरह बैंक में जमा कर सकते हैं। इस व्यवस्था को "टाइम बैंक" नाम दिया गया है, जहां समय को मुद्रा की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।

क्या है टाइम बैंक योजना?

टाइम बैंक एक ऐसी योजना है जिसमें लोग स्वेच्छा से बुजुर्गों या जरूरतमंदों की देखभाल करते हैं और इसके बदले में उन्होंने जितना समय सेवा में लगाया, उतना उनके नाम पर एक सामाजिक सुरक्षा खाते में दर्ज हो जाता है। जब वही वॉलंटियर खुद बुजुर्ग हो जाते हैं और उन्हें देखभाल की जरूरत पड़ती है, तो उन्हें भी उसी तरह सेवा मिलती है जैसे उन्होंने किसी और को दी थी।

कैसे करता है काम?

टाइम बैंकिंग का तरीका बेहद आसान है। इसमें कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को समय आधारित सेवा देता है। ये सेवाएं आईटी, शिक्षा, बच्चों की देखभाल, बागवानी, बुजुर्ग सेवा या अन्य किसी प्रकार की हो सकती हैं। जितने घंटे सेवा दी जाती है, उतने ही घंटे "टाइम बैंक" में जमा हो जाते हैं। फिर इन घंटों का इस्तेमाल करके व्यक्ति आगे चलकर किसी और से सेवा ले सकता है।

किन देशों में चल रहा है टाइम बैंक?

स्विट्जरलैंड के साथ-साथ ब्रिटेन ने भी इस योजना को अपनाया है, जबकि सिंगापुर इसे लागू करने पर विचार कर रहा है। भारत में भी 2018 में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक समिति ने सुझाव दिया था कि देश को इस व्यवस्था को अपनाना चाहिए।

क्यों है यह योजना खास?

टाइम बैंक दरअसल एक "बार्टर सिस्टम" (विनिमय प्रणाली) है, जो लोगों को उनकी क्षमताओं के अनुसार सेवा देने और जरूरत के समय सेवा लेने का मौका देता है। यह पूरी तरह परोपकारी विचारधारा पर आधारित है, जहां लाभ के बजाय सेवा और सहयोग को महत्व दिया जाता है।


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News Editor

Parveen Kumar

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