वैज्ञानिकों की नई खोज: अब शरीर की गंध से पता चलेगा बीमारी का! जानिए कौन से रोग में कैसी आती है महक?
punjabkesari.in Tuesday, Aug 19, 2025 - 04:47 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अब शरीर की गंध सिर्फ पसीना या साफ-सफाई का संकेत नहीं, बल्कि स्वास्थ्य की सूचक भी बन सकती है। ताजा वैज्ञानिक शोधों में यह सामने आया है कि शरीर से निकलने वाली गंध से कई गंभीर बीमारियों जैसे पार्किंसन, मलेरिया, कैंसर और अन्य का पता लगाया जा सकता है। आइए जानते हैं इस नए वैज्ञानिक खुलासे के बारे में...
पार्किंसन की बीमारी की गंध से पहचान
यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर के वैज्ञानिकों ने पार्किंसन रोग के मरीजों की त्वचा से निकलने वाले विशेष कंपाउंड्स का पता लगाया है। उन्होंने sebum के नमूनों का विश्लेषण कर 30 ऐसे volatile organic compounds (VOCs) खोजे, जो केवल पार्किंसन के मरीजों में पाए गए। इनमें eicosane और octadecanal शामिल हैं। इससे अब मात्र 3 मिनट में skin swab टेस्ट से पार्किंसन की बीमारी का पता चल सकता है। प्रोफेसर पेर्डिटा बैरन के अनुसार, यह खोज बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि पहली बार किसी बीमारी को उसकी गंध से इतनी सटीकता से पहचाना गया है।
देखें कौन से रोग में कैसी आती है गंध?
- डायबिटीज: फलों जैसी (सड़े हुए सेब जैसी) गंध
- लिवर डिजीज: सड़े अंडे या सल्फर जैसी गंध
- किडनी फेलियर: मछली या अमोनिया जैसी गंध
- टीबी (ट्यूबरकुलोसिस): बासी बीयर जैसी सांस की गंध, गीले गत्ते जैसी त्वचा की गंध
- मलेरिया: मीठी-घास जैसी गंध जो मच्छरों को आकर्षित करती है
- पार्किंसन: तेज, मस्की, पुरानी लकड़ी जैसी गंध
मलेरिया और बच्चों की गंध
2018 में केन्या में हुई एक रिसर्च में पाया गया कि मलेरिया संक्रमित बच्चों के पैर से निकलने वाली गंध में heptanal, octanal और nonanal जैसे aldehydes की अधिकता होती है। यह गंध मच्छरों को आकर्षित करती है, जिससे मलेरिया का प्रसार तेज होता है।
कुत्तों की सूंघने की क्षमता से बनी ‘आर्टिफिशियल नाक’
कुत्ते कैंसर जैसी बीमारियों की गंध पहचानने में माहिर होते हैं। MIT के वैज्ञानिक एंड्रियास मर्सिन की टीम ने RealNose.ai नाम से एक आर्टिफिशियल नाक विकसित की है, जो इंसानी गंध को पहचानने के लिए मशीन लर्निंग और इंसानी olfactory receptors का उपयोग करती है। इसका उद्देश्य कुत्तों से भी बेहतर और तेज़ गंध पहचानना है ताकि बीमारी का पता जल्द लगाया जा सके।
शरीर की गंध से बीमारी की पहचान में मददगार साबित होगी यह रिसर्च
इन शोधों से पता चलता है कि भविष्य में बिना ब्लड टेस्ट या बायोप्सी के, केवल शरीर की गंध से ही बीमारियों का पता लगाया जा सकेगा। यह एक नया डायग्नोसिस का तरीका बन सकता है, जो मरीजों के लिए सरल और जल्दी परिणाम देगा।