यूनिक आइडेंटिफिकेशन मार्क: अब सिगरेट-तंबाकू पर होगा ''आधार'' जैसा नंबर, जानें सरकार क्यों कर रही ऐसा
punjabkesari.in Tuesday, Dec 24, 2024 - 09:27 AM (IST)
नेशनल डेस्क। तंबाकू उत्पादों जैसे सिगरेट, गुटखा और पान मसाला पर अब यूनिक पहचान नंबर (आधार जैसा) होगा। हर सिगरेट और तंबाकू के पाउच पर एक खास यूनिक आइडेंटिफिकेशन (यूनीक आईडी) नंबर लगाया जाएगा। यह योजना टैक्स चोरी रोकने और सप्लाई चेन को ट्रैक करने के लिए लाई जा रही है।
क्या है यूनिक आईडी योजना?
यूनिक आईडी के तहत हर सिगरेट और तंबाकू उत्पाद पर एक डिजिटल स्टैंप या यूनिक निशान होगा। इसे हटाया या बदलाया नहीं जा सकेगा। इस खास यूनिक आईडी के जरिए सरकार इन उत्पादों की पूरी सप्लाई चेन पर नजर रख सकेगी और यह सुनिश्चित कर सकेगी कि टैक्स चोरी न हो।
क्यों जरूरी है यूनिक आईडी?
पिछले साल सिगरेट पर 180 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के मामले सामने आए थे। इसके अलावा जीएसटी काउंसिल ने पाया कि कई उत्पादों की सप्लाई चेन में टैक्स चोरी की संभावना रहती है। इन मुद्दों को हल करने और टैक्स राजस्व बढ़ाने के लिए यह योजना लागू की जा रही है।
कैसे काम करेगा यह सिस्टम?
- डिजिटल स्टैंप: सिगरेट और तंबाकू उत्पादों पर एक डिजिटल स्टैंप या यूनिक साइन लगाया जाएगा।
- और ट्रेस मैकेनिज्म: इस टेक्नोलॉजी के जरिए सप्लाई चेन में हर उत्पाद का ट्रैक रखा जाएगा।
- फ्रेमवर्क: इस प्रक्रिया को लागू करने के लिए कानूनी ढांचा भी तैयार किया जाएगा।
- कंपनियों पर जुर्माना: जो कंपनियां यूनिक आईडी लागू नहीं करेंगी उन पर ₹1 लाख या कुल टैक्स का 10% जुर्माना लगाया जाएगा।
दुनिया में यह मॉडल पहले से है लागू
कई देशों ने पहले ही इस प्रकार के ट्रैक और ट्रेस सिस्टम को लागू किया है। यह सिस्टम टैक्स चोरी रोकने और अवैध उत्पादों पर लगाम लगाने में कारगर साबित हुआ है।
यूनिक आईडी का बड़ा फायदा
- टैक्स चोरी पर रोक: इस यूनिक आईडी से सरकार टैक्स चोरी करने वाली कंपनियों पर सख्त नजर रख सकेगी।
- सप्लाई चेन की पारदर्शिता: उत्पाद कहां से आ रहे हैं और कहां जा रहे हैं यह आसानी से पता लगाया जा सकेगा।
- राजस्व में बढ़ोतरी: जीएसटी चोरी रुकने से सरकार को ज्यादा राजस्व मिलेगा।
अगले कदम
सरकार जल्द ही इस योजना के लिए नोटिफिकेशन जारी करेगी। टेक्नोलॉजी को अंतिम रूप देने के बाद इसे लागू किया जाएगा।
सरकार का उद्देश्य
यह योजना सरकार की टैक्स प्रणाली को मजबूत करने और पारदर्शिता बढ़ाने का हिस्सा है। इससे अवैध गतिविधियों पर लगाम लगेगी और सरकार को ज्यादा राजस्व प्राप्त होगा।
वहीं इस कदम से न केवल तंबाकू उत्पादों की टैक्स चोरी पर रोक लगेगी बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि बाजार में अवैध प्रोडक्ट्स की आपूर्ति न हो।