शाह के भाषण में कुछ भी ठोस नहीं, महामारी में भी वोटों की भूखी है भाजपा : तृणमूल कांग्रेस

punjabkesari.in Tuesday, Jun 09, 2020 - 09:03 PM (IST)

कोलकाताः पश्चिम बंगाल के लिये भाजपा की वर्चुअल रैली में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण में कुछ भी ठोस नहीं होने की बात करते हुए तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि ऐसे समय में जब राज्य कोविड-19 महामारी और चक्रवातीय तूफान अम्फान की दोहरी मार से जूझ रहा है, तब भी भाजपा ‘वोटों की भूखी' है। शाह ने मंगलवार को वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए प्रवासी श्रमिकों के खिलाफ कथित रूप से उदासीनता बरतने को लेकर तृणमूल कांग्रेस नीत पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना की।

उन्होंने कहा कि यही कामगार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाना सुनिश्चित करेंगे क्योंकि उन्होंने प्रवासी श्रमिकों को घर लाने के लिए चलायी गई ‘श्रमिक स्पेशल' ट्रेनों को ‘‘कोरोना एक्सप्रेस'' बताकर उनका ‘‘अपमान'' किया था। केन्द्रीय मंत्री ने राज्य में राजनीतिक हिंसा की कथित संस्कृति को लेकर भी बनर्जी पर निशाना साधा और कहा कि बंगाल में सिर्फ ‘‘देशी बम बनाने और अवैध हथियारों'' का धंधा फल-फूल रहा है।

चीन भारत की धरती से कब बाहर जा रहे हैं
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि शाह का भाषण सिर्फ लफ्फाजी था और उन्होंने सवाल किया कि आखिर गृहमंत्री भारत-चीन गतिरोध के मुद्दे पर चुप क्यों हैं। हैशटैग ‘बंगाल रिजेक्ट्स अमित शाह' के साथ बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘हमेशा की तरह अमित शाह जी का भाषण सिर्फ लफ्फाजी था और उसमें कुछ भी ठोस नहीं था। चूंकि, उन्होंने तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से बाहर भेजे जाने के सपने के बारे में बात की है, मैं उनसे फिर पूछना चाहूंगा कि ‘चीनी हमारी धरती से कब बाहर जा रहे हैं।''

भारत और चीन की सेनाएं लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई जगहों पर पिछले करीब एक महीने से गतिरोध की स्थिति में हैं। दोनों देश कूटनीतिक और सैन्य माध्यमों से इस तनाव/ संकट को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने भी शाह के भाषण पर ट्वीट किया, ‘‘ऐसे समय में जब राज्य एक महामारी और एक प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहा है, अमित शाह की प्राथमिकताएं बिल्कुल साफ हैं। बंगाल, इस व्यक्ति का चेहरा याद रखना, जो सिर्फ आपके वोटों का भूखा है और कुछ नहीं।''

 


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Yaspal

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