इन 4 आम दवाओं से तबाह हो सकती है आपकी आंतें, गुड बैक्टीरिया पर सीधा वार- स्टडी में खुलासा
punjabkesari.in Friday, Aug 08, 2025 - 03:30 PM (IST)

नेशनल डेस्क: हम अक्सर सोचते हैं कि केवल एंटीबायोटिक दवाइयां ही हमारे पेट और आंतों को नुकसान पहुंचाती हैं—लेकिन येल यूनिवर्सिटी के हालिया शोध ने हमारी इस धारणा को पूरी तरह हिला दिया है। रिसर्च में सामने आया है कि कुछ आम और गैर-एंटीबायोटिक दवाएं, जिन्हें हम नियमित रूप से सिरदर्द, एसिडिटी या मानसिक तनाव के लिए लेते हैं, गट माइक्रोबायोम यानी आंतों में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया को बर्बाद कर देती हैं। इसका नतीजा? लंबे समय तक चलने वाले पाचन विकार, इम्यून सिस्टम की कमजोरी और गंभीर इंफेक्शन।
यह स्टडी सिर्फ एक चेतावनी नहीं है, बल्कि एक अलार्म बेल है—कि अब समय आ गया है दवाएं लेते समय भी आंतों की सेहत के बारे में गंभीरता से सोचा जाए। कौन-सी दवाएं हैं सबसे ज्यादा खतरनाक? और कैसे बचा जा सकता है इस अदृश्य हमले से? आइए जानते हैं विस्तार से...
नए शोध में क्या मिला?
शोधकर्ताओं ने 10 लाख से अधिक लोगों के लगभग दस साल पुराने मेडिकल डेटा का विश्लेषण किया। उन्होंने 21 सामान्य गैर-एंटीबायोटिक दवाओं का गहराई से अध्ययन किया, जिनमें से आधी दवाएं आंतों के माइक्रोबायोम की संरचना में बदलाव से जुड़ी पाई गईं।
खासकर चार दवाएं - हार्ट डिजीज के इलाज में डिगोक्सिन, मिर्गी और एंग्जायटी के लिए क्लोनाजेपाम, एसिडिटी के लिए पैंटोप्राजोल, और मानसिक स्वास्थ्य के लिए क्वेटियापिन - आंतों में गुड बैक्टीरिया की संख्या और संरचना पर विशेष प्रभाव डालती हैं।
कैसे होती है नुकसान की प्रक्रिया?
ये दवाएं केवल गट माइक्रोबायोम के संतुलन को बिगाड़ती ही नहीं हैं, बल्कि शरीर को एंटी-माइक्रोबियल तत्व बनाने के लिए प्रेरित करती हैं, जो हमारे ही अच्छे बैक्टीरिया पर हमला कर सकते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि आंतों का प्राकृतिक संतुलन टूट जाता है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और हानिकारक बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। इस तरह संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और शरीर कमजोर पड़ सकता है।
आंतों की सेहत कैसे बचाएं?
येल स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर एंड्रयू गुडमैन ने बताया कि गट माइक्रोबायोम की अच्छी समझ और संतुलन बनाए रखना न केवल बेहतर दवा प्रतिक्रिया के लिए जरूरी है, बल्कि संक्रमण से बचाव के लिए भी महत्वपूर्ण है। यदि आप लंबे समय से किसी दवा का सेवन कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से उसके आंतों पर प्रभाव के बारे में जरूर बात करें।
इसके अलावा, अपने खानपान में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ, दही, और प्रोबायोटिक्स शामिल करें। ये आंतों के स्वास्थ्य को मजबूत करने में मदद करते हैं। दवाओं का सेवन डॉक्टर की सलाह के अनुसार करें और बिना जरूरत के दवाएं न लें।