''INDIA गठबंधन की तरफ से अभी कोई PM कैंडिडेट न हो तो बेहतर'', जानें ऐसा क्यों बोले शशि थरूर
punjabkesari.in Saturday, Sep 02, 2023 - 05:15 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि इंडिया मोर्चे के लिए आगामी लोकसभा चुनावों में किसी भी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को न उतारना बेहतर होगा। चुनाव चेहरों पर नहीं बल्कि मुद्दों पर लड़े जाने चाहिए। उन्होंने कहा, 'मेरी राय है कि मोर्चा चुनावों के बाद ही इस पर चर्चा करे कि प्रधानमंत्री कौन बनना चाहिए।' थरूर ने पत्रकारों से कहा, यह भी कहा कि भारत मोर्चा आगे बढ़ रहा है और तेजी से उभर रहा है। शशि थरूर का बयान अशोक गहलोत और भूपेश बघेल के उलट है। अशोक गहलोत ने कहा था कि कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी पीएम पद के उम्मीदवार हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि इंडिया गठबंधन को राहुल गांधी को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर देना चाहिए।
चीनी आक्रमकता को रोकने में विफल केंद्र
शशि थरूर ने केंद्र सरकार पर सीमा पर चीनी आक्रामकता को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया। इस मामले में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर तीखा हमला करते हुए थरूर ने कहा कि जब तक यह कहकर लोगों को धोखा देना बंद नहीं किया जाता कि चीन ने कुछ नहीं किया है और कोई बदलाव नहीं हुआ है, तो देश को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है और चीन के हाथों अपना महत्वपूर्ण क्षेत्र खोने का खतरा है।
तिरुवनंतपुरम के सांसद ने कहा कि चीनी आक्रामकता का मुद्दा सिर्फ एक नक्शा नहीं है बल्कि एक बहुत बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि पहले लगभग 65 बिंदु ऐसे थे जहां दोनों सेनाएं सीमा पर गश्त करती थीं और 45 वर्षों तक कोई घटना नहीं हुई थी। थरूर ने कहा, ‘‘अचानक, इनमें से 26 बिंदुओं पर चीनी सेना आती है और स्थायी रूप से तैनात हो जाती है, जिसका मतलब है कि हमारी सेना, जो पहले गश्त करती थी, अब गश्त नहीं कर सकती है।''
थरूर ने कहा कि लद्दाख में, जहां भारतीय चरवाहे अपनी भेड़ें चराया करते थे, अब वहां जाकर चरा नहीं सकते हैं। थरूर ने दावा किया, ‘‘हाल में इन चरवाहों से मिलने पहुंचे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ये बात उन्हीं से सुनी। यहां तक कि भाजपा के एक स्थानीय पार्षद ने भी यही कहा।'' कांग्रेस नेता ने कहा कि भारत सरकार चीनियों को ‘लाल आंखें' दिखाने की बात कर रही है, लेकिन लाल आंखें नहीं हैं, बल्कि पड़ोसी के लाल झंडे हैं।
एक देश, एक चुनाव व्यवहारिक नहीं
थरूर ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' के प्रस्ताव की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसा कोई व्यावहारिक तरीका नहीं है जिससे ऐसी प्रणाली लागू की जा सके। थरूर ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का सदस्य बनने के बाद अपने लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के पहले दौरे से पहले कहा कि सरकार की ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' पहल संसदीय लोकतंत्र पर आधारित मौजूदा प्रणाली के खिलाफ होगी, , जहां सदन में बहुमत खोने पर पार्टियां सत्ता में बनी नहीं रह सकती हैं।
थरूर ने कहा, ‘‘ऐसा कोई व्यावहारिक तरीका नहीं है जिससे आप ऐसी प्रणाली लागू कर सकें।'' संसद के ‘‘विशेष सत्र'' की घोषणा के एक दिन बाद, सरकार ने शुक्रवार को ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव'' की संभावना तलाशने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया।