चीता ‘उदय'' की मौत के मामले में किसी गड़बड़ी की आशंका नहीं: सूत्र
punjabkesari.in Wednesday, Apr 26, 2023 - 11:31 PM (IST)

नई दिल्लीः मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीता ‘उदय' की हाल में हुई मौत के मामले में किसी तरह की कोई गड़बड़ी की आशंका नहीं है। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि चीते की मौत ‘ एक्यूट कार्डियो पल्मनेरी फेलियर' (ह्नदय व फेफड़ों के काम नहीं करने) की वजह से हुई है।
सूत्रों में से एक ने बताया कि चीता के फेफड़ों और दिल पर बीमारी से संबंधित धब्बे मिले हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें आशंका है कि एक हिरण का शिकार करने के बाद चीता काफी थक गया जो ‘कार्डियो पल्मनेरी फेलियर' की वजहों में से एक है। कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में रविवार को दूसरे चीते छह वर्षीय ‘उदय' की मौत हो गई थी।
इससे पहले 27 मार्च को करीब साढ़े चार वर्षीय मादा चीता ‘शाशा' की गुर्दे संबंधी बीमारी की वजह से मौत हो गई थी। इसके बाद राष्ट्रीय उद्यान में चीतों की संख्या 18 रह गई है। सूत्रों ने कहा कि चीता ‘उदय' के पोस्टमार्टम के दौरान कुछ भी गड़बड़ी नहीं पाई गई है।
सूत्रों ने कहा कि केएनपी में कड़ी निगरानी की जा रही है। रविवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया था कि दैनिक निगरानी दल को चीता ‘उदय सिर झुकाए सुस्त अवस्था में बैठा मिला।'' विज्ञप्ति के अनुसार चीते के करीब जाने पर वह उठकर लड़खड़ाकर एवं गर्दन झुकाकर चलने लगा। इसमें कहा गया है कि इसके बाद वन्यप्राणी चिकित्सक द्वारा तत्काल मौके पर जाकर उसका निरीक्षण किया और वह प्रथम दृष्ट्या बीमार प्रतीत हुआ।
विज्ञप्ति के अनुसार, उचित प्रक्रिया के बाद वन्यजीव पशु चिकित्सकों की सलाह पर इस चीते को बेहोश करके मौके पर ही उपचार दिया गया। विज्ञप्ति के अनुसार, चीते के स्वास्थ्य को देखते हुए उसे पृथक-वास वार्ड में आगे के उपचार एवं सतत निगरानी के लिए रखा गया और उपचार के दौरान इसकी मृत्य हो गई। इस साल 18 फरवरी को सात नर और पांच मादाओं सहित 12 चीतों को दक्षिण अफ्रीका से केएनपी में लाया गया था। इन चीतों में ‘उदय' नाम का चीता भी शामिल था।