ऑफ द रिकॉर्डः हरियाणा में किसी किसान ने नहीं की आत्महत्या, पंजाब में भी कमी

punjabkesari.in Sunday, Feb 09, 2020 - 06:04 AM (IST)

नेशनल डेस्कः देश के सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा किसानों द्वारा आत्महत्या करना जारी है लेकिन हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ में 2016, 2017 और 2018 के दौरान एक भी किसान ने आत्महत्या नहीं की। यहां तक कि जम्मू-कश्मीर में भी 2016 और 2017 के दौरान किसी किसान ने खुदकुशी नहीं की। हालांकि 2018 में किसानों की आत्महत्या के 5 मामले सामने आए। पंजाब में पिछले 3 सालों के दौरान किसानों की आत्महत्या के मामलों में कमी आई है। 

2016 में 232 और 2017 में 
243 किसानों ने आत्महत्या की। पंजाब में किसानों द्वारा आत्महत्या करना विशेषज्ञों को चौंकाता है क्योंकि इस राज्य के लोगों को दौलतमंद माना जाता है। हालांकि 2018 में यहां किसानों की आत्महत्या के मामलों में कमी दर्ज की गई। 2018 में 229 किसानों ने अपनी जान दी और उम्मीद जताई जा रही है कि इसमें आगे और भी कमी दर्ज की जाएगी। 

उधर, पश्चिम बंगाल को पिछड़ा और गरीब माना जाता है लेकिन  2016, 2017 और 2018 के दौरान वहां किसानों की आत्महत्या का एक भी मामला नहीं दर्ज किया गया। वहीं इन सालों के दौरान राजस्थान में 9 किसानों ने अपनी जान दी। चौंकाने वाली बात है कि देश के सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश में 259 किसानों ने ही खुदकुशी की जबकि सबसे पिछड़ा राज्य माने जाने वाले ओडिशा में 2017 और 2018 के दौरान एक भी किसान ने आत्महत्या नहीं की। 

किसानों की आत्महत्या को लेकर महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में स्थिति सबसे गंभीर है। कृषि मंत्रालय के अनुसार पूरे देश में किसानों की आत्महत्या के मामलों में धीरे-धीरे कमी आ रही है। 2016 में देश में 6,270 किसानों ने आत्महत्या की, 2017 में 5,955 और 2018 में 5,763 किसानों ने अपनी जान दी। नैशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो 2019 का क्राइम डाटा मई-जून में जारी करेगा।    


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Pardeep

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