नई दिल्ली ने श्रीलंका में भारतीय रुपये के निवेश को दिया बढ़ावा

punjabkesari.in Thursday, Feb 29, 2024 - 04:26 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क. मामले से परिचित दो लोगों ने बताया कि सरकार अपने दक्षिणी पड़ोसी देश में भारतीय निवेश को बढ़ावा देने के लिए श्रीलंका में रुपया निवेश को चालू करने पर काम कर रही है। रुपये के निवेश से भारतीय कंपनियों के लिए श्रीलंकाई बाजारों में प्रवेश का रास्ता आसान हो जाएगा।


वित्त वर्ष 2023 के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भारतीय रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए चालान और भुगतान की अनुमति दी। इसने मुद्रा में होने वाले व्यापार लेनदेन के निपटान के साथ निर्यात और आयात को भारतीय रुपये में अंकित और चालान करने की अनुमति दी।


आरबीआई के फैसले का उद्देश्य मुद्रा को व्यवस्थित रूप से अंतर्राष्ट्रीयकरण करने के अलावा वैश्विक व्यापार विशेषकर भारतीय निर्यात की वृद्धि को बढ़ावा देना है। ऊपर उल्लिखित दूसरे व्यक्ति ने कहा, भारत चाहता है कि भविष्य में भारतीय रुपया एक कठोर मुद्रा बने।


पिछले साल श्रीलंका ने भारतीय रुपये को एक निर्दिष्ट मुद्रा के रूप में अधिसूचित किया, जिससे दोनों देशों के बीच मुद्रा में व्यापार तय हो सका और द्वीप-देश में आने वाले पर्यटकों को लेनदेन के लिए मुद्रा का उपयोग करने की अनुमति भी मिल गई। भारत को अब श्रीलंका के साथ काम करने की उम्मीद है ताकि भारतीय कंपनियों के लिए द्वीप राष्ट्र में निवेश करना आसान हो सके।


ऊपर उद्धृत एक व्यक्ति ने कहा- "वर्तमान में भारतीय निवेशक डॉलर जैसी अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के माध्यम से देश में निवेश करते हैं, जो अधिक बोझिल है और इसमें रूपांतरण लागत शामिल है। रुपये के निवेश से भारतीय कंपनियों के लिए श्रीलंकाई बाजारों में प्रवेश का रास्ता आसान हो जाएगा। समझा जाता है कि विदेश मंत्रालय (एमईए) विशेष रूप से इस बदलाव पर जोर दे रहा है।"


भारत श्रीलंका का एक प्रमुख भागीदार है जो 2019 में शुरू हुए आर्थिक संकट से उबरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और इससे दक्षिण एशियाई राष्ट्र की अर्थव्यवस्था के पटरी से उतरने का खतरा पैदा हो गया है। 2022-23 में जो संकट चरम पर था। उसमें बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो गया और बुनियादी वस्तुओं की कमी हो गई। जबकि आईएमएफ ने 3 बिलियन डॉलर की सहायता दी। भारत ने श्रीलंका को आर्थिक सुधार में सहायता के लिए 4 बिलियन डॉलर से अधिक की सहायता दी। भारत की वित्तीय सहायता में क्रेडिट लाइन, मुद्रा विनिमय व्यवस्था और स्थगित आयात भुगतान शामिल थे।
पिछले जुलाई में राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की भारत यात्रा के दौरान भारत और श्रीलंका ने कई कनेक्टिविटी पहलों का भी अनावरण किया। इनमें पेट्रोलियम पाइपलाइन, पावर ग्रिड लिंकेज, एक भूमि पुल और एक व्यापक आर्थिक और प्रौद्योगिकी सहयोग समझौते (ईटीसीए) के प्रस्ताव शामिल हैं।


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Content Editor

Parminder Kaur

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