क्या 1966 में जिंदा थे नेताजी सुभाष चंद्र बोस?

punjabkesari.in Sunday, Dec 13, 2015 - 04:15 PM (IST)

नई दिल्ली: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की फाइलें सार्वजनिक होने से पहले वर्ष 1966 की एक तस्वीर सामने आई है। ये तस्वीर तब की है, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ताशकंद गए थे। ब्रिटिश एक्सपर्ट नील मिलर ने फोरेंसिक फेस मैपिंग रिपोर्ट के आधार पर दावा किया है कि तस्वीर में जो शख्स शास्त्री के साथ खड़ा है, वह नेताजी हैं। इसलिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वह अपनी अगली मास्को यात्रा के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से इस फोटो की सच्चाई का खुलासा करने को कहें।

मोदी इसी महीने रूस जाने वाले हैं और केंद्र सरकार पहले ही नेताजी की फाइलों के लिए रूस से मदद मांगने की बात कह चुकी है। ब्रिटेन हाईकोर्ट और इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में मिलर ने अपनी यह राय रखी है। फोरेंसिक रिपोर्ट के दावों के बाद अटकलों को दौर तेज हो गया है। कहा जा रहा है कि अगर ये तस्वीर नेताजी की ही है तो यह बात झूठ साबित हो जाएगी कि उनकी मौत 1945 में विमान क्रैश होने से उनकी मौत हुई थी। वहीं, दूसरा दावा भी खारिज हो जाएगा कि उन्हें 1950 में जोसेफ स्टालिन ने मार दिया था।

बल्कि तस्वीर सही हुई तो उनकी मौत का रहस्य और ज्यादा गहरा जाएगा। हालांकि केंद्र सरकार ने कहा है कि वह 23 जनवरी को नेताजी से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक करेगी। फेस मैपिंग के लिए शोध करने वालों की टीम भारतीय मूल के 36 साल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर सिद्धार्थ सतभाई ने बनाई है। वह 1969 में पेरिस में हुई वियतनाम शांति वार्ता की तस्वीर भी सार्वजनिक कर चुके हैं। तब उन्होंने दावा किया था कि तस्वीर में दाढ़ी वाले शख्स का चेहरा नेताजी से मिल रहा है।


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