Vitamin E की कमी क्यों होती है और इसके क्या लक्षण हैं? जानिए पूरी जानकारी
punjabkesari.in Saturday, Jun 07, 2025 - 02:57 PM (IST)

नेशनल डेस्क: विटामिन ई एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो हमारे शरीर की कोशिकाओं की मरम्मत और सुरक्षा करता है। यह त्वचा, आंखों, मांसपेशियों और नर्वस सिस्टम के लिए बेहद जरूरी होता है। हालांकि, कई बार गलत खानपान, बीमारियां और अन्य कारणों से शरीर में विटामिन ई की कमी हो सकती है, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि विटामिन ई की कमी क्यों होती है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे बचाव कैसे किया जा सकता है।
विटामिन ई की कमी के प्रमुख कारण
विटामिन ई मुख्यतः फैट में घुलनशील होता है, इसलिए यदि भोजन में पर्याप्त फैट की मात्रा नहीं होती, तो इसका अवशोषण ठीक से नहीं हो पाता। इसके अलावा कुछ बीमारियां जैसे क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस, सिस्टिक फाइब्रोसिस और सेलिएक डिजीज भी शरीर की विटामिन ई को अवशोषित करने की क्षमता को प्रभावित करती हैं। शिशुओं में, खासकर प्रीमैच्योर जन्म लेने वाले बच्चों में यह कमी अधिक देखने को मिलती है। इसके अलावा, गलत खानपान जिसमें विटामिन ई युक्त खाद्य पदार्थों का अभाव होता है, भी इसकी कमी का मुख्य कारण है।
विटामिन ई के स्रोत: कौन से खाद्य पदार्थ हैं लाभकारी?
विटामिन ई प्राकृतिक रूप से कई खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, जिनमें सूरजमुखी के बीज, बादाम, पालक, हरी पत्तेदार सब्जियां और वनस्पति तेल शामिल हैं। इनका सेवन शरीर में विटामिन ई की उचित मात्रा बनाए रखने में मदद करता है।
विटामिन ई की कमी के लक्षण: शरीर में क्या बदलाव होते हैं?
डॉ. सुभाष गिरि, जो दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में मेडिसिन विभाग से जुड़े हैं, बताते हैं कि विटामिन ई की कमी के लक्षण धीरे-धीरे उभरते हैं और मांसपेशियों तथा नर्वस सिस्टम पर इसका प्रभाव सबसे ज्यादा होता है। प्रमुख लक्षण हैं:
- मांसपेशियों की कमजोरी और ताकत में कमी
- लगातार थकान और ऊर्जा की कमी महसूस होना
- चलने-फिरने में अस्थिरता या संतुलन बिगड़ना
- नजर कमजोर होना या धुंधलापन
- त्वचा का रूखा, बेजान और जल्दी बूढ़ा दिखना
- इम्यूनिटी में कमी के कारण बार-बार संक्रमण होना
- बच्चों में शारीरिक और मानसिक विकास में रुकावट
कैसे करें विटामिन ई की कमी से बचाव?
- रोजाना हरी पत्तेदार सब्जियां, सूखे मेवे और वनस्पति तेल का सेवन करें।
- कम फैट वाली डाइट से बचें क्योंकि विटामिन ई फैट के साथ ही अवशोषित होता है।
- यदि पाचन संबंधी कोई समस्या है तो समय-समय पर डॉक्टर से जांच कराएं।
- डॉक्टर की सलाह से ही विटामिन ई सप्लिमेंट लें।
- खासकर बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान रखें क्योंकि उनमें विटामिन ई की कमी होने की संभावना ज्यादा होती है।