महिला के शरीर में 1 दिन नहीं... इतने दिन तक जिंदा रह सकता है स्पर्म, जानकर उड़ जाएंगे होश!

punjabkesari.in Sunday, Jun 08, 2025 - 10:36 AM (IST)

नेशनल डेस्क। दुनियाभर के पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या (sperm count) में आ रही गिरावट एक बड़ी चिंता का कारण बन रही है। शुक्राणुओं की संख्या का सीधा संबंध पुरुषों की प्रजनन क्षमता (fertility) से होता है। यदि किसी पुरुष में स्पर्म काउंट कम है तो उसे पिता बनने में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

आपने अक्सर देखा होगा कि कुछ महिलाएं एक ही बार में गर्भवती हो जाती हैं जबकि कुछ को इसके लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। यह काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि पुरुष द्वारा छोड़ा गया शुक्राणु महिला के शरीर में कितने दिन तक ज़िंदा रहता है।

अगर आप भी लंबे समय से गर्भवती होने की कोशिश कर रही हैं तो आपको अपने ओव्यूलेशन पीरियड और शुक्राणुओं के जीवनकाल के बारे में सही जानकारी होनी चाहिए। यह जानकारी आपको गर्भवती होने में मदद कर सकती है।


 

यह भी पढ़ें: बेंगलुरु भगदड़: मृतकों के परिजनों को अब मिलेगा अब 25 लाख का मुआवजा

 

महिला के शरीर में कितने दिन तक ज़िंदा रहते हैं शुक्राणु?

यह एक महत्वपूर्ण सवाल है कि आखिर किसी महिला के शरीर में शुक्राणु कितने दिन तक जीवित रह सकते हैं। दरअसल जब भी महिला और पुरुष के बीच इंटरकोर्स होता है तो पुरुष एक बार में लगभग 100 मिलियन (10 करोड़) शुक्राणु महिला की योनि में छोड़ता है।

पुरुष का शुक्राणु महिला की प्रजनन प्रणाली के अंदर अधिकतम 5 दिनों तक ज़िंदा रह सकता है। हालांकि यह शुक्राणु की गुणवत्ता और महिला के शरीर की आंतरिक स्थितियों पर भी निर्भर करता है।


 

यह भी पढ़ें: मॉनसून पर लगा ब्रेक! गर्मी करेगी और बेहाल, फिर मिलेगी राहत की बौछार

 

फैलोपियन ट्यूब तक पहुँचने की यात्रा

जब भी शारीरिक संबंध बनाने के बाद पुरुष अपना स्पर्म महिला की योनि में छोड़ता है तो उनमें से अधिकांश शुक्राणुओं की तुरंत ही मृत्यु हो जाती है। हालाँकि अच्छी गुणवत्ता वाले शुक्राणु गर्भाशय ग्रीवा और गर्भाशय से होते हुए फैलोपियन ट्यूब तक पहुँच जाते हैं।

फैलोपियन ट्यूब में पहुँचने के बाद ये शुक्राणु तीन से पाँच दिन तक अंडे का इंतज़ार कर सकते हैं लेकिन यदि महिला के शरीर की स्थितियाँ शुक्राणुओं के अनुकूल नहीं हैं तो वे कुछ ही घंटों में मर सकते हैं। इसलिए गर्भधारण के लिए सही समय पर शारीरिक संबंध बनाना और शुक्राणुओं की गुणवत्ता दोनों ही महत्वपूर्ण होते हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Rohini Oberoi

Related News