Gen-Z हिंसा ने डुबोई नेपाल की नैया, होटल उद्योग में ₹25 अरब का नुकसान, संकट में देश की अर्थव्यवस्था
punjabkesari.in Monday, Dec 01, 2025 - 07:24 PM (IST)
International Desk: नेपाल के आर्थिक हालात लगातार कमजोर होते जा रहे हैं। नेपाल राष्ट्र बैंक (NRB) ने सोमवार को स्वीकार किया कि देश इस वित्तीय वर्ष 2025–26 में 6 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएगा। देरी से आया मानसून, भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने कृषि समेत कई क्षेत्रों को बुरी तरह प्रभावित किया है।यह पहला मौका है जब किसी सरकारी संस्था ने स्पष्ट रूप से माना है कि आर्थिक लक्ष्य अब असंभव है। इससे पहले विश्व बैंक ने भी नेपाल की विकास दर का अनुमान घटाकर 4.6% से 2.1% कर दिया था।
क्यों बिगड़ी नेपाल की आर्थिक हालत?
NRB ने अपनी पहली तिमाही मौद्रिक नीति समीक्षा जारी करते हुए कहा धान की रोपाई देर से हुई।उसके बाद आई मूसलाधार बारिश से बाढ़ और भूस्खलन हुए। कृषि क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचा और अन्य सेक्टर भी प्रभावित हुए। इसलिए अब ग्रोथ दर लक्ष्य से “थोड़ी कम” रहेगी। हालांकि बैंक ने कोई नया अनुमान नहीं दिया।
Gen-Z प्रदर्शनों का बड़ा असर
- सितंबर में हुए Gen-Z प्रदर्शनों ने नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ाई।
- सरकारी और निजी संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ।
- कई युवा प्रदर्शनकारियों की मौत हुई।
- प्रदर्शनों के चलते पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. ओली की सरकार गिर गई और सुशीला कार्की सरकार में आई।
- विश्व बैंक ने कहा कि इन आंदोलनों के बाद सेवाओं का क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।
पर्यटन को झटका, होटल उद्योग को ₹25 अरब का नुकसान
Gen-Z हिंसा के दौरान कई बड़े होटलों को नुकसान हुआ। Hilton होटल जलकर पूरी तरह नष्ट हो गया।Hyatt Regency को भारी नुकसान, आज भी मरम्मत का काम जारी। होटल उद्योग को कुल 25 अरब नेपाली रुपये का नुकसान झेलना पड़ा। हालांकि NRB का दावा है कि विदेशी पर्यटकों की संख्या उतनी नहीं घटी जितनी पहले अनुमान था। 2025 के पहले 10 महीनों में 9.44 लाख पर्यटक नेपाल आए, जो पिछले साल से थोड़ा ज्यादा है।
महंगाई में राहत
NRB ने कहा कि भारत में महंगाई कम रहने और अंतरराष्ट्रीय पेट्रोलियम कीमतों के घटने के कारण नेपाल में औसत मुद्रास्फीति (Inflation) 4% तक रह सकती है, जो पहले लक्ष्य 5% से कम है। अक्टूबर में नेपाल की महंगाई 1.67% तक गिर गई थी। नेपाल की अर्थव्यवस्था भारत पर काफी निर्भर है, इसलिए भारत की मुद्रास्फीति का सीधा असर नेपाल पर पड़ता है।
