एशिया में मिली अब तक की सबसे बड़ी सोने की खदान, बदल देगी इस देश की भविष्य की अर्थव्यवस्था? 17 लाख करोड़ का सोना

punjabkesari.in Saturday, Nov 22, 2025 - 01:56 PM (IST)

नई दिल्ली: सोना सिर्फ एक धातु नहीं, बल्कि किसी देश की आर्थिक ताकत और स्थिरता का प्रतीक माना जाता है। वैश्विक बाजार में जब अस्थिरता आती है, तो निवेशक और केंद्रीय बैंक सोने की ओर रुख करते हैं। इसी बीच, हमारे पड़ोसी देश चीन में हाल ही में एक ऐतिहासिक खोज हुई है: वहाँ 1440 टन सोने की खदान पाई गई है, जिसकी कीमत 192 अरब डॉलर यानी 17 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा आंकी गई है।

खदान कहां मिली और इसका महत्व

यह खदान पूर्वोत्तर चीन के लियाओनिंग प्रांत के पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है और इसे 21वीं सदी की सबसे बड़ी सोने की खोजों में से एक माना जा रहा है। चीन के प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय ने इस खोज की पुष्टि की है। इस खोज से न सिर्फ चीन की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलेगी, बल्कि यह वैश्विक गोल्ड मार्केट और वित्तीय स्थिरता पर भी असर डाल सकती है।

चीन की योजना: गोल्ड हब का निर्माण

चीन इस क्षेत्र को दादोंगगो गोल्ड सप्लाई हब बनाने में जुटा हुआ है। इस योजना में खनन, सोने का उच्च तापमान में प्रगलन, प्रोसेसिंग और ज्वेलरी निर्माण शामिल है।

  • प्रमुख संस्थान: China National Gold Group, Liaoning Mineral Geology Group, Yingkou Municipal Government

  • निवेश: लगभग 20 बिलियन युआन (करीब 25 करोड़ रुपये से अधिक)

  • टारगेट: साल 2027 तक पूरी परियोजना को पूरा करना

इस हब से चीन सोने के वैश्विक व्यापार में अपनी पकड़ और मजबूत करेगा।

भारत की स्थिति

विश्व गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर 2025 तक भारत के पास 880.2 टन सोना था, जिससे भारत गोल्ड होल्डिंग के मामले में दुनिया में 9वें स्थान पर है। वहीं चीन के पास इसी समय 2303.5 टन सोना था, जो उसे 7वें स्थान पर रखता है।

क्या बदलेगा भविष्य?

चीन की यह खोज न केवल उसके आर्थिक और वित्तीय प्रभुत्व को बढ़ाएगी, बल्कि यह वैश्विक सोने की कीमतों, निवेश प्रवृत्तियों और वित्तीय बाजारों पर भी गहरा असर डाल सकती है।


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Content Editor

Anu Malhotra

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