11 मौतें, दर्जनों लापता... हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर, भारी बारिश और फ्लैश फ्लड से तबाही
punjabkesari.in Wednesday, Jul 02, 2025 - 10:35 PM (IST)
नेशनल डेस्कः हिमाचल प्रदेश में बीते 30 घंटे से जारी भारी बारिश और फ्लैश फ्लड के चलते राज्य में तबाही मची हुई है। खासतौर पर मंडी जिले में हालात गंभीर बने हुए हैं, जहां 11 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 34 लोग अभी भी लापता हैं। बुधवार सुबह 9 बजे आपदा प्रबंधन विभाग ने नुकसान की ताजा रिपोर्ट जारी की है।
राहत एवं बचाव कार्य
मंडी, चंबा और हमीरपुर जिलों से अब तक कुल 333 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। राहत और बचाव कार्य राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), राज्य आपदा मोचन बल (SDRF), पुलिस, होमगार्ड्स और स्थानीय प्रशासन की संयुक्त कोशिशों से तेजी से जारी है। मंडी जिले के गोहर, करसोग और धर्मपुर उपमंडलों में कई जगह बादल फटने की घटनाएं हुई हैं, जिससे भारी जलभराव और भूस्खलन हुआ।
मंडी शहर में जलभराव के कारण फंसे लोगों को विपाशा सदन और गुरुद्वारा में स्थापित राहत शिविरों में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। मंडी-मनाली नेशनल हाईवे पर सुरंग संख्या 11 एवं 13 के पास हुए भूस्खलन के कारण फंसे हुए लोगों को भी सुरक्षित बाहर निकाला गया है।
प्रभावित क्षेत्रों का विवरण
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मंडी के गोहर के स्यांज में दो मौतें, बड़ा गोहर में दो, करसोग पुराना बाजार में एक, थुनाग में एक, धार जरोल में एक, गोहर के तलवाड़ा में एक और जोगिंदनगर में एक मौत दर्ज हुई है।
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गोहर के स्यांज में दो परिवार के कुल नौ लोग लापता हैं, जिनमें दो शव बरामद हो चुके हैं। मृतकों में एक महिला की लाश धर्मपुर के कांढापतन से मिली है।
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मंडी के सराज क्षेत्र में भारी तबाही हुई है, लेकिन यहाँ अभी तक संपर्क स्थापित नहीं हो पाया है। बिजली, पानी, मोबाइल नेटवर्क और सड़कें बंद होने से राहत कार्य में बाधा आ रही है।
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चंबा, हमीरपुर और ऊना जिले भी बारिश से प्रभावित हुए हैं, जहां प्रशासन ने कुल 287 लोगों को सुरक्षित निकाला है।
नुकसान की स्थिति
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प्रदेश में कुल 24 मकान, 12 गौशालाएं क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, जबकि 30 पशुओं की मौत हुई है।
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भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से प्रदेश के लगभग 400 से अधिक सड़कें बंद हैं। इनमें मंडी जिले में 248 सड़कें, कांगड़ा में 55, कुल्लू में 37, शिमला में 32, सिरमौर में 21, चंबा में 6, हमीरपुर व ऊना में 4-4, सोलन में 2 और किन्नौर में 1 सड़क शामिल है।
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बिजली आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। प्रदेश में 1500 से अधिक बिजली ट्रांसफार्मर ठप पड़े हैं, जिनमें अकेले मंडी जिले में 900 से ज्यादा ट्रांसफार्मर बंद हैं, जिससे ब्लैकआउट की स्थिति बनी हुई है।
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जलापूर्ति की 171 योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं, जिससे कई इलाकों में पेयजल संकट गहराया है।
प्रशासन की अपील और तैयारी
प्रशासन ने आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए जनता से 1070 और 1077 नंबरों पर तुरंत संपर्क करने की अपील की है। साथ ही लोगों को सचेत मोबाइल ऐप इंस्टॉल करने की सलाह दी गई है, जिससे समय पर अलर्ट प्राप्त हो सके। विशेष सचिव दुनी चंद राणा ने बताया कि मंडी जिले में सबसे अधिक नुकसान हुआ है और पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी कर बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं।
प्रदेश में भारी बारिश का असर
यह बारिश का दौर अभी भी जारी है और मौसम विभाग ने कई जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। पिछले 11 दिनों में हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से 51 लोगों की मौत हो चुकी है और 6 लोग अभी भी लापता हैं। इस दौरान 9 पक्के घर, 4 कच्चे घर ढह चुके हैं, साथ ही 35 कच्चे मकान और 9 दुकानें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 41 पशुशालाएं भी जमींदोज हो गई हैं।
आगे की चुनौतियां
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लापता लोगों की खोज: बचाव दल 34 लापता लोगों की तलाश में लगे हुए हैं।
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सड़क और बिजली बहाली: बंद सड़कों को खोलना और बिजली आपूर्ति पुनः शुरू करना प्राथमिकता है।
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जलापूर्ति सुधार: प्रभावित जल परियोजनाओं को जल्द चालू करना आवश्यक है।
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राहत शिविर संचालन: विस्थापित परिवारों को राहत शिविरों में सुरक्षित रखना और आवश्यक सहायता प्रदान करना।
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भविष्य की तैयारी: आपदा प्रबंधन और बाढ़ नियंत्रण के लिए दीर्घकालिक योजनाओं पर काम जारी रहेगा।
