उत्तराखंड आपदा का भयानक नजारा, विनाश लीला की ये तस्वीरें देख कांप जाएगी रूह

punjabkesari.in Monday, Feb 08, 2021 - 11:53 AM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तराखंड के रैणी गांव में हर दिन की तरह लोगों के लिए सर्दी की शांत सुबह थी लेकिन लगभग दस बजे उन्हें जोरदार आवाज सुनायी दी और ऋषिगंगा में पानी का सैलाब और कीचड़ आते हुए नजर आया। उत्तराखंड आपदा का भयानक तस्वीरें भी सोशल सामने आई है जिसे देख कर आपकी रूह कांप जाएगी। 

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धरम सिंह नामक पचास वर्षीय एक ग्रामीण ने कहा, हम यह समझ पाते कि क्या हो रहा है, उससे पहले ही ऋषिगंगा के कीचड़ वाले पानी ने सारी चीजें तबाह कर दीं। इस नजारे ने लोगों को 2013 की केदारनाथ की भयावह बाढ़ की याद दिला दी जिसमें हजारों लोगों की जान चली गयी थी। 

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कई लोगों के इस सैलाब में बह जाने की आशंका है। उनमें नदी के आसपास काम कर रहे लोग भी शामिल हैं। गांव के तीन बाशिंदे इस त्रासदी के बाद से गायब हैं। उनमें 75 वर्षीय अमृता देवी भी हैं जो ऋषि गंगा पर पुल के समीप अपने खेत में काम करने गयी थीं। अन्य वल्ली रानी के यशपाल हैं जो अपने मवेशी को चराने गये थे और रंजीत सिंह (25) है जो ऋषि गंगा पनबिजली परियोजना में काम करते थे। नंदा देवी ग्लेशियर के टूटने के बाद यह हिमस्खलन आया। 

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इस हिमस्खलन से वह परियोजना नष्ट हो गयी जो 2020 में ही शुरू हुई थी। मुख्य सीमा मार्ग पर एक बड़ा पुल भी बह गया। जुवा ग्वान गांव के प्रदीप राणा ने बताया कि उसी गांव का संजय सिंह भी लापता है जो अपनी बकरियां चराने गया था। ऋषि गंगा और धौली गंगा के संगम से 20 मीटर की ऊंचाई पर बने कुछ मंदिर भी बह गये।

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आईटीबीपी ने इस अभियान का एक वीडियो साझा किया। इस वीडियो में बचावकर्मी सुरंग से एक रस्सी के जरिये व्यक्तियों को सुरंग से बाहर निकालते हुए दम लगाके हइशा' बोलते नजर आ रहे हैं। मौके पर मौजूद लोग बचावकर्मियों को बहुत बढिय़ा, शाबाश, जो बोले सो निहाल और जय हो' के नारों के साथ प्रेरित करते दिख रहे हैं। सुरंग से बचाए गए श्रमिकों में से एक को एक लंबी छलांग लेते देखा गया। 

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वहीं आईटीबीपी के जवानों ने उसकी पीठ इसके लिए थपथपायी कि आपदा की चपेट में आने और कीचड़ में सने होने के बावजूद उसने धैर्य और धीरज का परिचय दिया। परियोजना क्षेत्र में काम करने वाले एक स्थानीय ने कहा, अपना भाई आ गया। वहीं एक अन्य अधिकारी ने कहा, नई जिंदगी मिली (उन्हें जिन्हें बचाया गया)। सुरक्षा उपकरण और हेलमेट पहने कर्मियों वाली बल की कई टीमों को जोशीमठ स्थित आईटीबीपी की पहली बटालियन बेस से और औली स्थित आईटीबीपी पर्वतारोहण एवं स्कीइंग संस्थान से तपोवन बिजली परियोजना स्थल पर खोज और बचाव कार्यों के लिए भेजा गया था।

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Content Writer

Ali jaffery

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