हाईकोर्ट का फरमान "आवारा कुत्तों को खाना देना है तो साथ ले जाएं घर"

punjabkesari.in Friday, Oct 21, 2022 - 04:49 PM (IST)

नेशनल डेस्क: मुंबई हाईकोर्ट ने आवारा कुत्तों की बढ़ती हुई समस्या को लेकर बड़ा फरमान जारी किया है। हाईकोर्ट ने आवारा जानवरों से खतरे पर एक याचिका की सुनवाई के दौरान कहा है कि यदि कोई सार्वजनिक स्थलों पर अवारा कुत्तों को खाना खिलाता है ता उसे जुर्माना अदा करना पड़ेगा। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने निर्देश देते हुए कहा कि आवारा कुत्तों से आपको ज्यादा ही प्यार है तो उनको औपचारिक रूप से गोद लें और नागपुर नगर निगम (एनएमसी) के साथ पंजीकृत भी कराएं। इसके बाद ही कुत्तों को इस तरह का भोजन और देखभाल करने की इजाजत होगी। न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे और न्यायमूर्ति अनिल पानसरे की खंडपीठ ने आदेश देते हुए कहा कि जिनको भी आवारा कुत्तों को खाना खिलाना है, वे लोग उन्हें अपने घरों में ले जाकर खाना खिला सकते हैं।

हाईकोर्ट ने खास कर ऐसे लोगों को चेतावनी दी है जो कि आवारा कुत्तों को कहीं भी सार्वजनिक जगह पर खिलाना शुरू कर देते हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने पुलिस सहित सभी आला अधिकारियों को आवारा कुत्तों के खिलाफ कार्रवाई में बाधा बनने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है। पीठ ने स्पष्ट करते हुए कहा कि निगम के अधिकारी आम लोगों की शिकायतों पर आवारा कुत्तों की पकड़ और उन्हें मौके से हटाने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र हैं। इसके लिए 'डॉग कंट्रोल सेल' के संपर्क विवरण को प्रसारित करके एक जागरूकता कार्यक्रम भी शुरू किया जाए।

दरअसल नागपुर के धंतोली नागरिक मंडल  के सामाजिक कार्यकर्ता विजय तलवार ने 2006 में दायर की थी, जिसमें आवारा जानवर खास कर कुत्तों से बढ़ते खतरे को नियंत्रित करने के लिए निवेदन किया गया था। याचिकाकर्ता विजय ने धंतोली और कांग्रेस नगर इलाकों में आवारा कुत्तों को लेकर शिकायत की थी, लेकिन इसे नियंत्रित करने के लिए शायद ही कोई कदम उठाया गया। उन्होंने पूर्व नगरसेवक लखन येरावर का नाम लिया जिन्होंने इन कुत्तों को पकड़कर और उन्हें स्थानांतरित करके नागरिकों की लगातार मदद की थी।

केंद्र सरकार ने इसके जवाब में कहा है कि देश में फिलहाल आवारा कुत्तों की संख्या में कमी आई है। देश में आवारा कुत्तों की आबादी 2019 के पशुधन संगणना के मुताबिक 1.53 करोड़ थी, जबकि 2012 में ये आंकड़ा 1.71 करोड़ हुआ करती थी। देश में आवारा कुत्तों की संख्या का आंकड़ा पशुधन संगणना के माध्यम से एकत्रित किया जाता है। यह गणना हर पांच साल के बाद होती है। खास बात यह है कि देश के कई राज्यों जैसे, उत्तर प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, असम, मध्य प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल में आवारा कुत्तों की संख्या में कमी आई है।

देश में कुछ ऐसे भी राज्य हैं, जहां एक भी आवारा कुत्ता नहीं है. 2012 और 2019 में हुई पशुधन गणनाओं में केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में कोई भी आवारा कुत्ता नहीं पाया गया है। 2019 पशुधन गणना के मुताबिक दादर और नगर हवेली और मणिपुर में भी एक भी आवारा कुत्ता नहीं मिला है। हालांकि, 2012 में जारी आंकड़ों में दादर और नगर हवेली में आवारा कुत्तों की संख्या 2,173 और मणिपुर में 23 थी।  केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के मुताबिक, देश के 17 राज्यों में आवारा कुत्तों की संख्या 1 लाख या उससे अधिक है। 


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Content Writer

Anil dev

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