ऑपरेशन सिंदूर: क्या विदेश मंत्रालय की गलती से गिरा भारतीय विमान? CDS अनिल चौहान के बयान के बाद पूर्व कर्नल का सवाल
punjabkesari.in Sunday, Jun 01, 2025 - 11:47 AM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत की ओर से 7 मई को किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अब देश की सियासत में एक नई बहस छिड़ गई है। यह ऑपरेशन पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकियों के ठिकानों को नष्ट करने के लिए किया गया था। लेकिन इस सैन्य कार्रवाई के कुछ ही दिनों बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर के एक बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। कांग्रेस और सेना के पूर्व अफसरों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और जवाबदेही की मांग की है। कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में सुरक्षाबलों की शहादत के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई के तौर पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को एयरस्ट्राइक कर ध्वस्त किया। दावा किया गया कि यह कार्रवाई पूरी तरह सैन्य रणनीति के तहत की गई और इसमें कोई आम नुकसान नहीं हुआ।
विदेश मंत्री जयशंकर का चौंकाने वाला खुलासा
ऑपरेशन के बाद देश के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बयान दिया, जो अब विपक्ष और रिटायर्ड सेना अधिकारियों के निशाने पर आ गया है। जयशंकर ने कहा, “हमने पाकिस्तान को पहले ही सूचित कर दिया था कि यह हमला सिर्फ आतंकवादी ठिकानों पर है, सेना पर नहीं। पाक सेना को विकल्प दिया गया था कि वे हस्तक्षेप न करें।” इस बयान से कई सवाल खड़े हो गए हैं, खासकर इस बात को लेकर कि क्या पहले से जानकारी देने से ऑपरेशन की गोपनीयता और प्रभाव खत्म हो गया?
राहुल गांधी का तीखा हमला
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सवाल किया कि, “हमले से पहले पाकिस्तान को सूचित करना गंभीर चूक है। इससे वायुसेना को कितना नुकसान हुआ? इसे अधिकृत किसने किया? और इसका जिम्मेदार कौन है?” राहुल गांधी का कहना है कि इससे न सिर्फ सेना की सुरक्षा को खतरा हुआ, बल्कि भारत की रणनीतिक क्षमता भी प्रभावित हुई।
पूर्व कर्नल रोहित चौधरी का आरोप: “सरकार ने देश से सच छुपाया”
इस विवाद में एक नया मोड़ तब आया जब कांग्रेस के पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और रिटायर्ड कर्नल रोहित चौधरी ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो में कहा, “सरकार ने देश के सामने पूरा सच नहीं रखा। सीडीएस अनिल चौहान के एक बयान में इशारा मिला कि कुछ भारतीय विमान गिरे थे, लेकिन यह क्यों हुआ, इस पर सरकार चुप है।” कर्नल चौधरी का मानना है कि पाकिस्तान को ऑपरेशन की पहले से जानकारी देना एक टैक्टिकल मिस्टेक थी और इसी की वजह से भारतीय वायुसेना को नुकसान हुआ।
क्या ऑपरेशन सिंदूर से पहले दुश्मन को विदेश मंत्रालय द्वारा जानकारी देना सेनाओं को भारी पड़ा !
— COL Rohit Chaudhry (@ColRohitChaudry) May 31, 2025
जैसा कि CDS अनिल चौहान ने अपने इंटरव्यू में बताया कि - "कितने जहाज गिरे यह महत्वपूर्ण नहीं; क्यों गिरे, यह महत्वपूर्ण है।"
क्या यह देश की सेनाओं के साथ धोखा नहीं है, जिसका ख़ामियाजा… pic.twitter.com/q0D5lwP7y1
CDS अनिल चौहान का बयान बना विवाद की जड़
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान के एक इंटरव्यू में जब पूछा गया कि कितने भारतीय विमान गिरे तो उन्होंने जवाब दिया, “कितने गिरे यह अहम नहीं है, लेकिन क्यों गिरे यह ज़रूर मायने रखता है। हमने एक रणनीतिक भूल की और बाद में उसे ठीक किया।” इस बयान ने कर्नल चौधरी के दावे को और बल दे दिया। उन्होंने कहा कि शायद ऑपरेशन की रात (6-7 मई) को कुछ ऐसा हुआ है जो देश से छिपाया जा रहा है।