बांग्लादेश में आंदोलनकारी छात्र नेता ने केजरीवाल से प्रेरित होकर बनाई अपनी पार्टी, कहा- भारत समर्थक राजनीति की कोई जगह नहीं होगी

punjabkesari.in Saturday, Mar 01, 2025 - 02:11 PM (IST)

Dhaka: बांग्लादेश में पिछले साल हुए राजनीतिक उथल-पुथल के केंद्र में रहे नाहिद इस्लाम एक छात्र नेता हैं, जिनकी भूमिका ने प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता छोड़ने पर मजबूर कर दिया था। नाहिद इस्लाम 'स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन' संगठन के कोऑर्डिनेटर थे और छात्र आंदोलनों के प्रमुख चेहरे के रूप में उभरे। मंगलवार को उन्होंने मोहम्मद यूनुस की कैबिनेट से इस्तीफा देकर एक बार फिर सुर्खियां बटोरीं। 28 फरवरी को उन्होंने अपनी नई राजनीतिक पार्टी "जतीया नागरिक पार्टी" (नेशनल सिटिजन पार्टी - NCP) की घोषणा की, जिससे बांग्लादेश की राजनीति में एक नया अध्याय जुड़ गया।  

 

कौन हैं नाहिद इस्लाम? 
27 वर्षीय नाहिद इस्लाम ढाका विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र के छात्र रहे हैं। 1998 में जन्मे नाहिद का झुकाव बचपन से ही सामाजिक न्याय और राजनीतिक सुधारों की ओर था। 2017 में, उन्होंने भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित सुंदरबन क्षेत्र में एक कोयला संयंत्र के खिलाफ आंदोलन में हिस्सा लिया। बाद में, उन्होंने ढाका विश्वविद्यालय में ‘डेमोक्रेटिक स्टूडेंट फोर्स’ नामक संगठन की स्थापना की।  

 

राजनीति में नई पारी 
छह महीने तक यूनुस सरकार में काम करने के बाद, नाहिद इस्लाम ने 25 फरवरी को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के बाद उन्होंने कहा, "देश की मौजूदा स्थिति को देखते हुए, एक नई राजनीतिक ताकत की जरूरत है। मैंने जन-विद्रोह को और मजबूत करने के लिए सरकार से अलग होने का फैसला किया है।" नाहिद इस्लाम ने 'जतीया नागरिक पार्टी' (NCP) के गठन की घोषणा करते हुए कहा कि बांग्लादेश में अब भारत या पाकिस्तान समर्थक राजनीति की कोई जगह नहीं होगी। उनका लक्ष्य एक निष्पक्ष और समावेशी राजनीति को बढ़ावा देना है।   

 

 केजरीवाल की प्रेरणा से बनाई पार्टी
नागरिक समिति की प्रवक्ता सामंथा शर्मिन ने बताया कि नाहिद इस्लाम की "जतीया नागरिक पार्टी" (NCP) तुर्की के रेसेप तैयप एर्दोगन की एके पार्टी, पाकिस्तान की तहरीक-ए-इंसाफ और भारत में अरविंद केजरीवाल की अगुआई वाली आम आदमी पार्टी की तर्ज पर बनाई गई है। उन्होंने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा, "यह एक मध्यमार्गी पार्टी होगी, जिसकी विचारधारा पारंपरिक राजनीतिक दलों से अलग होगी।"

 

 कैसे बने छात्र आंदोलन का चेहरा? 
जुलाई 2024 में, नाहिद इस्लाम का नाम तब सुर्खियों में आया जब खुफिया एजेंसियों ने उन्हें अगवा कर लिया और यातनाएं दीं। 19 जुलाई को, जब वे अपने दोस्त के घर में छिपे हुए थे, तो सादे कपड़ों में 30 पुलिस अधिकारी वहां पहुंचे और उन्हें उठा ले गए। नाहिद ने दावा किया कि उन्हें काले कपड़े से बांधकर एक गुप्त जेल में रखा गया, जहां लोहे की रॉड से पीटा गया। अगले दिन उन्हें एक पुल के पास फेंक दिया गया।  26 जुलाई को, उन्हें दोबारा अगवा किया गया और ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच द्वारा प्रताड़ित किया गया। हालांकि, इन घटनाओं ने उन्हें नहीं रोका, और उन्होंने "छात्रों के खिलाफ भेदभाव" आंदोलन को जारी रखा।  

 

 हसीना सरकार के खिलाफ मोर्चा 
3 अगस्त 2024 को, नाहिद इस्लाम ने ढाका विश्वविद्यालय परिसर से "हसीना को इस्तीफा देना चाहिए" का आह्वान किया। 5 अगस्त को, जब हजारों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शेख हसीना के निवास की ओर बढ़ रहे थे, तब हसीना भारत भाग गईं। इसके बाद, नाहिद इस्लाम को मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार में सूचना एवं प्रसारण सलाहकार नियुक्त किया गया।  

 

क्या नाहिद की पार्टी के लिए यह सही समय है?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बांग्लादेश में 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में चुनाव होते हैं, तो यह नाहिद इस्लाम और उनकी पार्टी के लिए एक बड़ा अवसर साबित हो सकता है।इसका एक बड़ा कारण यह है कि देश की दो मुख्य पार्टियां  अवामी लीग और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) गंभीर संकट में हैं।
 


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Content Writer

Tanuja

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