मुंबई: 86 साल में पहली बार नहीं विराजेंगे ‘लाल बाग के राजा’, फिर भी खास होगा गणेशोत्सव

punjabkesari.in Wednesday, Jul 01, 2020 - 12:58 PM (IST)

नेशनल डेस्कः भारत समेत पूरी दुनिया इस समय कोरोना संकट से जूझ रही है। कोरोना के कारण भारत में इस बार कई त्योहार लोगों ने अपने घरों में ही मनाए। वहीं अब कोरोना के कारण इस साल मुंबई के लालबागचा राजा महोत्सव आयोजित न करने का फैसला किया गया है। 86 साल में ऐसा पहली बार होगा जब लालबाग के राजा गणेशजी की प्रतिमा की स्थापना नहीं होगी। इस बार इस जगह पर  11 दिन तक प्लाज्मा डोनेशन कैम्प लगाए जाएंगे। बता दें कि गणेश चतुर्थी के दिन लालबाग के राजा के दर्शनों के लिए सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगती हैं। क्या कोई बॉलीवुड स्टार को क्या कोई क्रिकेटर हर कोई लालबगाचा राजा के दर्शनों के लिए आता है। पूरी मुंबई इस दौरान गणपति बप्पा के रंग में रंगा होता है। 

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मुख्यमंत्री निधि को 25 लाख का डोनेशन
लाल बाग के गणपति मंडल ने फैसला किया है कि कोरोना के खिलाफ जंग में मंडल महाराष्ट्र मुख्यमंत्री निधि को 25 लाख का डोनेशन देगा। वहीं मंडल कोरोना काल में सेवा के दौरान मारे गए पुलिसकर्मियों के परिजनों को सम्मानित करेगा। साथ ही लद्दाख विवाद के चलते गलवान में शहीद हुए जवानों के परिजनों को भी गणेशोत्सव के दौरान सम्मानित किया जाएगा।

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11 दिन चलेगा प्लाज्मा डोनेशन कैंप
गणेशोत्सव के 11 दिन तक लाल बाग गणपति मंडल प्लाज्मा डोनेशन कैंप लगाएगा और इस दौरान जरूरतमंद कोरोना पीड़ितों को प्लाजमा दान किया जाएगा ताकि वो स्वस्थ हो सकें। बता दें कि मशहूर लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल की स्थापना 1934 में हुई थी। यह पंडाल मुंबई के लालबाग, परेल इलाके लगाया जाता है। लालबागचा पंडाल की सबसे खास बात यह कि वे भक्तों को हर साल नए-नए रूपों में दर्शन देते हैं। राजा लाल बाग कभी सिपाही बन जाते हैं तो कभी डाक्टर। कभी उनकी मूर्ति रेलवे के टीटी की होती है तो कभी सैनिक की। लालबागचा अपने दरबार आने वाले हर भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं।

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Seema Sharma

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