World Cup Final Draw में ट्रंप को पहली बार FIFA शांति पुरस्कार दिया गया
punjabkesari.in Friday, Dec 05, 2025 - 11:44 PM (IST)
नेशनल डेस्क: अगले साल अमेरिका में होने वाले फीफा विश्व कप 2026 से पहले फुटबॉल की इंटरनेशनल गवर्निंग बॉडी FIFA ने एक बड़ी पहल की है। फीफा ने पहली बार FIFA Peace Prize (फीफा शांति पुरस्कार) देने की घोषणा की है। यह अवॉर्ड उन व्यक्तियों को सम्मानित करेगा जिन्होंने वैश्विक शांति के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए हों। अवॉर्ड का वितरण 5 दिसंबर, वॉशिंगटन में विश्व कप 2026 के मैचों का ड्रॉ जारी किए जाने के दौरान किया जाएगा।
घोषणा होते ही यह अवॉर्ड अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से जोड़कर देखा जाने लगा है, और माना जा रहा है कि इस अवॉर्ड के पहले प्राप्तकर्ता ट्रंप ही हो सकते हैं। चूंकि अगला विश्व कप अमेरिका में हो रहा है, इसलिए इसे ट्रंप को खुश करने की रणनीति भी माना जा रहा है। हालांकि फीफा ने इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है।
फीफा प्रेसिडेंट इनफेंटिनो ने की घोषणा
फीफा प्रेसिडेंट गियानी इनफेंटिनो ने इस नई कैटेगरी की घोषणा करते हुए कहा कि "अस्थिर और बंटी हुई दुनिया में, उन लोगों को सम्मानित करना ज़रूरी है जो संघर्षों को खत्म कर लोगों को शांति की राह पर साथ लाने के लिए काम कर रहे हैं।" फीफा के मुताबिक यह अवॉर्ड हर साल दुनिया भर के फुटबॉल फैंस की ओर से दिए जाने वाले सम्मान के रूप में पेश किया जाएगा।
ट्रंप और इनफेंटिनो- दोस्ती पर उठ रहे सवाल
डोनाल्ड ट्रंप और इनफेंटिनो की गहरी दोस्ती किसी से छिपी नहीं है। बुधवार को भी दोनों मियामी के एक इवेंट में मंच साझा करते दिखे। ट्रंप हाल ही में नोबेल शांति पुरस्कार न मिलने से काफी निराश थे, जबकि उनकी रिपब्लिकन पार्टी और कई विश्व नेताओं ने उनके लिए जमकर लॉबी की थी। नोबेल समिति की आलोचना भी उन्होंने खुलेआम की थी। ऐसे में फीफा के इस अवॉर्ड की घोषणा को लेकर राजनीतिक अटकलें तेज़ हो गई हैं।
इवांका ट्रंप को भी मिली फीफा में अहम भूमिका
दोनों के रिश्तों को और मजबूत दिखाने वाली बात यह है कि फीफा ने हाल ही में ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप को अपने 100 मिलियन डॉलर के एजुकेशन प्रोजेक्ट में डायरेक्टर नियुक्त किया है। यह प्रोजेक्ट 2026 वर्ल्ड कप की टिकट बिक्री से जुड़ा है, जहां टिकटों की आमदनी का एक हिस्सा सीधे इस प्रोजेक्ट में दिया जा रहा है। इसे भी ट्रंप को खुश करने और टिकट बिक्री को बढ़ावा देने की कोशिश के तौर पर देखा गया था।
