पाकिस्तान में भी पूजी जाती हैं देवी मां, शक्तिपीठ के एक बार दर्शन करने से सारे कष्ट हो जाते हैं दूर

punjabkesari.in Sunday, Oct 04, 2020 - 11:12 AM (IST)

नेशनल डेस्क: 17 अक्‍टूबर से नवरात्रि शुरू होने जा रही है। कोरोना के चलते इस बार भी नवरात्रि में उत्साह कम रहेगा। भक्तों के लिए पूजा पंडालों में फेस मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना, थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइजर का प्रयोग करना अनिवार्य कर दिया गया है। नवरात्रि से पहले हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो 51 शक्तिपीठों में से एक है। हालांकि इस मंदिर में जाना इतना आसान नहीं है क्योंकि यह भारत में नहीं बल्कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान राज्य में स्थित है।

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माता का यह मंदिर हिंगलाज देवी शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है। पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु के चक्र से कटकर यहां पर देवी सती का सिर गिरा था। इसलिए यह स्थान चमत्कारी और दिव्य माना जाता है। मान्यता यह भी है कि जो एक बार माता हिंगलाज के दर्शन कर लेता है उसे पूर्वजन्म के कर्मों का दंड नहीं भुगतना पड़ता है। पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू जहां इस मंदिर में शीश झुकाते है वहीं मुस्लिम श्रद्धालु भी मंदिर में सजदा करते हुए दिखाई देते हैं। 

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हर साल नवरात्री पर इस मंदिर में एक विशेष मेला लगता है। सिंध- कराची से हजारों हिंदू 500 किमी तक की पैदल यात्रा करके यहां आते हैं। यहां एक शिला पर हिंगलाज माता की छवि उभरी हुई है। दिलचस्प बात है कि मंदिर में कोई दरवाजा भी नहीं है। हिंगलाज माता को बलूचिस्तान और सिंध के मुस्लिम भी मानते हैंं। 

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मंदिर के आपस 10 फीट लंबी अंगारों की एक सड़क है। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त शोलों भरे इस रास्ते पर चलता हुआ आता है हिंगलाज माता उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। इस मंदिर की खासियत यह है कि भगवान राम ने भी यहां आकर किए थे। उनके अलावा गुरु गोरखनाथ, गुरुनानक देव, दादा मखान जैसे आध्यात्मिक संत भी यहां आ चुके हैं। 


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vasudha

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