Heavy Rain Alert: मानसून अगले 2 दिन में दिल्ली-पंजाब में देगा दस्तक! IMD ने जारी किया भारी बारिश का अलर्ट

punjabkesari.in Monday, Jun 23, 2025 - 08:38 AM (IST)

नेशनल डेस्क। देश में मानसून की चाल तेज़ हो गई है और यह अब लद्दाख के सभी हिस्सों को पार कर चुका है। इसके साथ ही मानसून हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पंजाब के कुछ इलाकों तक भी पहुँच गया है जिससे इन क्षेत्रों में लोगों को गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार अगले दो दिनों में मानसून राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और राजधानी दिल्ली सहित शेष पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर के बाकी हिस्सों तक भी फैल सकता है।

अगर इस बार मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार तय तारीख पर दिल्ली में मानसून पहुँचता है तो यह बेहद खास होगा। दरअसल यदि 24 जून को मानसून दिल्ली में दस्तक देता है तो यह 2013 के बाद की सबसे जल्दी मानी जाएगी। साल 2013 में मानसून 16 जून को दिल्ली पहुँचा था और उसके बाद से अब तक इतनी जल्दी मानसून की एंट्री नहीं हुई है।

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IMD की भारी बारिश की चेतावनी

IMD ने कई राज्यों के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है:

➤ उत्तर-पश्चिम भारत, मध्य प्रदेश, गुजरात, कोंकण और गोवा में 26 जून तक भारी से बहुत भारी बारिश का पूर्वानुमान है।

➤ खास तौर पर 23 और 24 जून को मध्य प्रदेश में अति भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।

➤ पूर्वोत्तर भारत में अगले तीन दिनों तक भारी बारिश के आसार हैं जिसके बाद बारिश की तीव्रता कुछ कम हो जाएगी।

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इस साल मानसून की गति

इस साल मानसून ने केरल में 24 मई को दस्तक दी थी जो 2009 के बाद सबसे जल्दी है। तब 23 मई को मानसून केरल पहुँचा था। शुरुआत में तेज़ रफ़्तार से बढ़ते हुए मानसून ने 29 मई तक मुंबई समेत महाराष्ट्र के कई हिस्सों और पूर्वोत्तर भारत को कवर कर लिया था। हालाँकि 29 मई से 16 जून तक इसकी गति थम गई थी जिससे जून की शुरुआत में गर्मी का प्रकोप बढ़ गया और 8-9 जून से उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के कई इलाकों में लू चलने लगी।

हालाँकि 16 जून के बाद मानसून ने फिर से गति पकड़ी जब बंगाल और गुजरात के पास दो नए कम दबाव के क्षेत्र बने।

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मानसून का सामान्य समय और इस बार का अनुमान

आमतौर पर मानसून 1 जून को केरल, 11 जून को मुंबई, 30 जून को दिल्ली पहुँचता है और 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। इसकी वापसी 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से शुरू होती है और 15 अक्टूबर तक पूरा देश इससे मुक्त हो जाता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि मानसून की शुरुआत की तारीख बारिश की कुल मात्रा को सीधे प्रभावित नहीं करती। यानी केरल या मुंबई में जल्दी या देर से शुरू होने का मतलब यह नहीं कि देश के अन्य हिस्सों में भी मानसून वैसा ही रहेगा। यह वैश्विक, क्षेत्रीय और स्थानीय कारकों पर निर्भर करता है और अक्सर इसमें भिन्नताएँ देखने को मिलती हैं।

IMD ने मई में अनुमान जताया था कि इस साल जून से सितंबर के बीच भारत में औसत से अधिक यानी 106% बारिश हो सकती है। हालाँकि लद्दाख, हिमाचल, पूर्वोत्तर, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और पंजाब, हरियाणा, केरल व तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में कम बारिश की संभावना जताई गई है। भारत की कृषि जो 42% आबादी की जीविका और जीडीपी का 18.2% हिस्सा है मानसून पर अत्यधिक निर्भर करती है।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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