भारत-पाक सीमा पर संघर्षविराम से पहले मोदी ने की सेना प्रमुखों से उच्च स्तरीय बैठक
punjabkesari.in Monday, May 12, 2025 - 01:17 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे सैन्य तनाव और हाल ही में घोषित युद्धविराम की पृष्ठभूमि में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच होने वाली वार्ता से पहले आयोजित की गई थी। बैठक का उद्देश्य भारत की कूटनीतिक और सैन्य रणनीति की समीक्षा करना था। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-पाकिस्तान डीजीएमओ वार्ता से पहले एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, एनएसए, सीडीएस और तीनों सेना प्रमुख शामिल हुए। बैठक का उद्देश्य हालिया आतंकी हमले और संघर्षविराम के बाद की रणनीति की समीक्षा था। भारत और पाकिस्तान ने शनिवार को सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति जताई थी।
बैठक में शामिल हुए शीर्ष अधिकारी
इस महत्वपूर्ण बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल अनिल चौहान, और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हुए। इस बैठक में भारत की सैन्य तैयारियों, जवाबी कार्रवाइयों और भविष्य की रणनीति पर चर्चा की गई।
22 अप्रैल के हमले के बाद नियमित समीक्षा
प्रधानमंत्री मोदी 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद से राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर लगातार उच्चस्तरीय समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को कठोर संदेश दिया था और ऑपरेशन सिंदूर जैसे जवाबी कदम उठाए गए।
भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम का समझौता
भारत और पाकिस्तान ने शनिवार, 10 मई को घोषणा की कि वे जमीन, हवा और समुद्र में सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई को तत्काल प्रभाव से रोकने के लिए सहमत हो गए हैं। यह निर्णय डीजीएमओ स्तर की सीधी बातचीत और दोनों पक्षों की सहमति के बाद आया।
डीजीएमओ स्तर की वार्ता आज संभावित
भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच सोमवार को एक महत्वपूर्ण वार्ता निर्धारित है, जिसका उद्देश्य सीमा पर स्थायित्व बनाए रखना और संघर्ष को टालना है। भारत इस वार्ता के माध्यम से यह सुनिश्चित करना चाहता है कि पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों पर कठोर अंकुश लगाए और नियंत्रण रेखा पर शांति बनी रहे।
प्रधानमंत्री का नेतृत्व और संदेश
प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम यह दर्शाता है कि भारत सरकार इस संवेदनशील परिस्थिति को गंभीरता से ले रही है और सुरक्षा तथा कूटनीति दोनों स्तरों पर सक्रिय है। बैठक में शामिल अधिकारियों से विचार-विमर्श के बाद भारत की स्थिति को और स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करने की रणनीति तैयार की गई।