प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षिण प्रशांत के लिए रखा 12 सूत्री एक्शन प्लान, चीन को लगेगी मिर्ची
punjabkesari.in Tuesday, May 23, 2023 - 02:58 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा के अंतिम पड़ाव दौरान आस्ट्रलिया में है। लेकिन इससे पहले उनका पापुआ न्यू गिनी दौरा काफी चर्चा में है। इसके साथ ही भारत ने दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में अपने पैर जमाने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। चीन के दबदबे को चुनौती देते हुए अमेरिका ने जिस दिन पापुआ न्यू गिनी के साथ रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए, PM मोदी ने क्षेत्र में भारत के 12 सूत्री एक्शन प्लान की घोषणा कर दी। अधिकारियों के अनुसार यह एजेंडा प्रशांत द्वीपीय देशों (PIC) के विकास संबंधी जरूरतों को पूरा करेगा। PM मोदी ने PIC के नेताओं से कहा है कि वे भारत को एक भरोसेमंद पार्टनर समझें, जिसने हमेशा स्वतंत्र और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन किया है। साथ ही भारत सभी देशों की संप्रभुता और अखंडता का सम्मान करता है। यह सीधे तौर पर चीन की तरफ इशारा था।
मोदी ने चीन पर निशाना साधते हुए भोजन, ईंधन, खाद और दवाओं की कमी का जिक्र करते कहा, 'जो विश्वासपात्र समझे जाते थे, बाद में पता चला कि वे जरूरत के समय आपके साथ खड़े ही नहीं हुए।' एक्सपर्ट इसे चीन की तरफ इशारा मान रहे हैं। पीएम ने कहा कि मुश्किल दौर में पुरानी कहावत सही साबित हुई है- सच्चा दोस्त वही है, जो मुश्किल समय में आपके काम आए। मोदी ने आगे कहा कि मुझे खुशी है कि भारत मुश्किल समय में प्रशांत द्वीपीय मित्र देशों के साथ खड़ा रहा। उन्होंने कहा कि भारत अपनी (पापुआ न्यू गिनी) प्राथमिकताओं का सम्मान करता है। मानवीय सहायता हो या विकास हो, भारत को आप विश्वसनीय साझेदार के तौर पर देख सकते हैं।
पापुआ न्यू गिनी की राजधानी में हिंद-प्रशांत द्वीप सहयोग मंच शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने ये बातें ऐसे समय पर की हैं, जब चीन क्षेत्र में आक्रामक रवैया अपना रहा है और प्रशांत द्वीपीय देशों पर अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिशें कर रहा है। मोदी इस देश की यात्रा करने वाले भारत के पहले पीएम हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम बिना हिचकिचाहट आपके साथ अपनी क्षमताएं और अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं, भले ही वह डिजिटल प्रौद्योगिकी हो या अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सुरक्षा हो या खाद्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन हो... हम आपके साथ हैं।’ मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधारों के लिए प्रशांत द्वीपीय देशों से सहयोग मांगा है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल साउथ की आवाज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुनी जानी चाहिए।
भारत ने प्रशांत क्षेत्र के लिए की ये घोषणाएं
- - फिजी में 100 बेड वाला सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल।
- - पापुआ न्यू गिनी में आईटी और साइबर सिक्योरिटी ट्रेनिंग हब।
- - अगले 5 वर्षों में 1000 सागर अमृत स्कॉलरशिप।
- - सरकारी इमारतों के लिए सोलर प्रोजेक्ट।
- - समुद्र के पानी को पीने लायक बनाने वाली यूनिटें।
- - समुद्री एंबुलेंस की सप्लाई।
- - डायलिसिस यूनिट की स्थापना।
- - 24x7 इमर्जेंसी हेल्पलाइन की स्थापना।
- - जन औषधि केंद्र की स्थापना।
- - योग केंद्रों की स्थापना
- - FPIC एसएमई विकास प्रोजेक्ट