PM मोदी की तेल कंपनियों के CEO के साथ बैठक, निवेश पर हुई चर्चा
punjabkesari.in Monday, Oct 09, 2017 - 04:09 PM (IST)
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन की बीपी, रूस की रोसनेफ्ट, सऊदी अरामको और ओ.एन.जी.सी., आई.ओ.सी., रिलायंस इंडस्ट्रीज समेत शीर्ष वैश्विक तथा भारतीय कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सी.ई.ओ.) के साथ आज बैठक की। इस बैठक का मकसद तेल एवं गैस खोज एवं उत्पादन क्षेत्र में निवेश को गति देना है।
इन कंपनियों के CEO थे बैठक में शामिल
मोदी ने बीपी पी.एल.सी. के मुख्य कार्यपालक अधिकारी बॉब डुडले, रोसनेफ्ट के सी.ई.ओ. इगोर सेचिन, रॉयल डच शेल की परियोजना एवं प्रौद्योगिकी निवेशक हैरी ब्रेकेलमेन्स, सऊदी अरामको के मुख्य कार्यपालक अमीन एच नासीर, एक्सोन मोबिल के गैस और बिजली क्षेत्र के अध्यक्ष रॉब फ्रैंकलिन, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और वेदांता रिर्सोसेज के प्रमुख अनिल अग्रवाल के अलावा सार्वजिनक क्षेत्र की ओ.एन.जी.सी. के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक शशि शंकर और इंडियन आयल के चेयरमैन संजीव सिंह सहित विभन्न कंपनियों के प्रमुखों से मुलाकात की और वैश्विक तेल एवं गैस परिदृश्य पर चर्चा की।
Hon’ble PM devoting his valuable time to meet the Global Energy Leaders shows Energy is at the centre of #ModiGovt’s development strategy. pic.twitter.com/ea8k5K6zOI
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) October 9, 2017
ऑयल सेक्टर में निवेश को बढ़ावा
सूत्रों के अनुसार बैठक का मुख्य विषय तेल एवं गैस क्षेत्र में खोज एवं उत्पादन, प्रसंस्करण, परिवहन एवं वितरण नेटवर्क में निवेश को बढ़ावा देना है। नीति आयोग ने बैठक में क्षेत्र के बारे में 2030 तक मांग एवं आपूर्ति की स्थिति तथा सरकार की मौजूदा नीतियों के संदर्भ में प्रस्तुतिकरण दिया। बैठक में सरकार की तरफ से पैट्रोलियम और नैचुरल गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार, कैबिनेट सैक्रेटरी पी के सिन्हा और नीति आयोग के सी.ई.ओ. अमिताभ कांत शामिल थे।
गैस ट्रेडिंग एक्सचेंज बनाने की योजना
बैठक में शामिल पैट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत में अगले 10 साल में तेल एवं गैस क्षेत्र में 300 अरब डॉलर के निवेश के अवसर हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसे घरेलू और वैश्विक निवेशक चाहते हैं जो बेहतर प्रौद्योगिकी और पूंजी ला सके।’’ सरकार ऊर्जा में गैस की हिस्सेदारी मौजूदा सात प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करना चाहती है। प्रधान ने कहा, ‘‘हम गैस ट्रेडिंग एक्सचेंज की योजना बना रहे हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि गैस ग्रिड तक खुली पहंच हो। इस क्षेत्र में वैश्विक अनुभव उपयोगी होगा।