Garud Puran: मृत्यु से पहले शरीर और मन देने लगते हैं संकेत, गरुड़ पुराण में बताया गया रहस्य

punjabkesari.in Tuesday, Dec 30, 2025 - 08:43 AM (IST)

नेशनल डेस्क:  मृत्यु जीवन का अटल सत्य है, लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसके आने से पहले शरीर और मन कुछ ऐसे संकेत देने लगते हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाता। कहा जाता है कि मौत से ठीक एक दिन पहले व्यक्ति को 6 खास अनुभूतियां होती हैं, जो आने वाले समय की आहट मानी जाती हैं। इन्हें समझ लेना और सतर्क हो जाना बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। यहां गरुड़ पुराण में बताए गए उन छह संकेतों का वर्णन है, जिन्हें मृत्यु के समीप आने का आभास माना जाता है।

1. शरीर के रंग में बदलाव
गरुड़ पुराण के अनुसार, अंतिम समय से पहले व्यक्ति की त्वचा का रंग सामान्य न रहकर हल्का लाल या असामान्य सा दिखाई देने लगता है। शरीर पर अचानक लाल चिह्न या धब्बे उभरने को भी एक संकेत माना गया है।

2. अपनी परछाईं का न दिखना
धार्मिक मान्यता है कि जब मृत्यु निकट होती है, तो व्यक्ति को अपनी ही परछाईं दिखाई देना बंद हो जाती है। इसे इस बात का संकेत माना गया है कि जीवन की यात्रा अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रही है।

3. चांद और तारों का धुंधला दिखना
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मृत्यु से पहले व्यक्ति को आकाश में चांद और तारे साफ दिखाई नहीं देते। आसमान धुंधला या अस्पष्ट प्रतीत होता है, जैसे दृष्टि की स्पष्टता कम हो गई हो।

4. घबराहट और किसी के आने का आभास
ऐसी मान्यता है कि अंतिम समय के निकट व्यक्ति के मन में बिना किसी स्पष्ट कारण के बेचैनी और भय उत्पन्न होने लगता है। उसे यह अनुभव होता है कि कोई उसे बुला रहा है या लेने आ रहा है। शास्त्रों में इसे यमदूतों के आभास से जोड़ा गया है।

5. पितरों की अनुभूति
गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु से लगभग 24 घंटे पहले व्यक्ति को अपने दिवंगत पूर्वजों की स्मृति या आभास होने लगता है। ऐसा महसूस होता है मानो वे उसे अपने पास बुला रहे हों। इसे आत्मिक संकेत के रूप में देखा गया है।

6. अपने कर्मों का स्मरण
अंतिम समय से पहले व्यक्ति को अपने जीवन के कर्म स्पष्ट रूप से याद आने लगते हैं। विशेष रूप से गलतियों और बुरे कार्यों का अहसास गहरा हो जाता है। यह आत्ममंथन का समय माना गया है।

महत्वपूर्ण नोट:
ये सभी संकेत गरुड़ पुराण में वर्णित धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं। इन्हें वैज्ञानिक तथ्य नहीं, बल्कि आस्था और परंपरा के दृष्टिकोण से देखा जाता है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Anu Malhotra

Related News