Minor Infection Risk : देरी हुई तो अंग फेल! शरीर के इन संकेतों को कभी न करें नजरअंदाज, बन सकता है जान का दुश्मन

punjabkesari.in Wednesday, Dec 24, 2025 - 03:17 PM (IST)

Sepsis Symptoms: क्या आप जानते हैं कि एक साधारण सा निमोनिया या यूरिन इंफेक्शन जानलेवा साबित हो सकता है? चिकित्सा जगत में 'सेप्सिस' को एक ऐसी आपातकालीन स्थिति माना जाता है जहां शरीर का अपना सुरक्षा तंत्र (Immune System) ही उसका दुश्मन बन जाता है। अगर समय रहते इसे न पहचाना जाए तो यह कुछ ही घंटों में अंगों को फेल कर सकता है।

क्या है सेप्सिस और यह क्यों होता है?

आमतौर पर हमारा इम्यून सिस्टम कीटाणुओं से लड़कर हमें ठीक करता है लेकिन सेप्सिस की स्थिति में इम्यून सिस्टम इंफेक्शन के प्रति इतनी तीव्र प्रतिक्रिया देता है कि वह शरीर के स्वस्थ अंगों और ऊतकों को ही नुकसान पहुंचाने लगता है।

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मुख्य कारण:

  • फेफड़ों का संक्रमण (निमोनिया)

  • यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI)

  • पेट या अपेंडिक्स में खराबी

  • त्वचा के गहरे घाव या सर्जरी के बाद होने वाला इंफेक्शन

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सेप्सिस के तीन खतरनाक चरण (Stages)

डॉक्टरों ने सेप्सिस की गंभीरता को तीन भागों में बांटा है:

  1. सेप्सिस (शुरुआती): बैक्टीरिया खून में फैलने लगते हैं और पूरे शरीर में सूजन (Inflammation) शुरू हो जाती है। इस स्तर पर एंटीबायोटिक्स से इलाज संभव है।

  2. सीवियर (गंभीर) सेप्सिस: सूजन बढ़ने से किडनी, लिवर और फेफड़ों जैसे अंगों को नुकसान पहुंचने लगता है। मरीज को सांस लेने में भारी तकलीफ होती है।

  3. सेप्टिक शॉक (अंतिम): यह सबसे घातक स्थिति है। इसमें ब्लड प्रेशर इतना गिर जाता है कि अंगों तक खून नहीं पहुंच पाता और वे काम करना बंद (Multi-organ failure) कर देते हैं।

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पहचानें इन लक्षणों को (Symptoms)

बड़ों और बच्चों में इसके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं जिन्हें नजरअंदाज करना जानलेवा हो सकता है:

बड़ों में लक्षण बच्चों/शिशुओं में लक्षण
तेज बुखार या शरीर का बहुत ठंडा पड़ना दूध पीने से मना करना या बहुत सुस्ती
दिल की धड़कन और सांस का बहुत तेज होना शरीर का रंग फीका या नीला पड़ना
भ्रम, उलझन या बेहोशी जैसा लगना लगातार उल्टी, दस्त या झटके आना
पेशाब की मात्रा में भारी कमी सांस लेने में अत्यधिक कठिनाई

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किसे है सबसे ज्यादा खतरा?

  • 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग।

  • नवजात शिशु और छोटे बच्चे।

  • गर्भवती महिलाएं।

  • डायबिटीज, किडनी या कैंसर जैसी पुरानी बीमारी वाले मरीज।

  • अस्पताल में लंबे समय से भर्ती लोग।

बचाव और सावधानी

सेप्सिस से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है इंफेक्शन को शुरुआत में ही रोकना:

  • स्वच्छता: हाथों को बार-बार धोएं और घावों को साफ व ढका हुआ रखें।

  • टीकाकरण: फ्लू और निमोनिया जैसे टीकों को समय पर लगवाएं।

  • देरी न करें: यदि कोई साधारण इंफेक्शन ठीक नहीं हो रहा और ऊपर दिए लक्षण दिखें तो तुरंत अस्पताल जाएं।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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