Modi सरकार का Masterstroke, अब इस मुस्लिम देश से खरीदेगा ब्रह्मोस मिसाइल
punjabkesari.in Sunday, Jan 12, 2025 - 03:24 PM (IST)
नेशनल डेस्क। दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश इंडोनेशिया भारत द्वारा स्वदेशी रूप से निर्मित ब्रह्मोस मिसाइलों को खरीदने पर विचार कर रहा है। अगर यह सौदा होता है तो इससे भारत के रक्षा उद्योग को बड़ा बढ़ावा मिलेगा और भारत की तटीय और समुद्री रक्षा क्षमताएं भी मजबूत होंगी।
450 मिलियन डॉलर का सौदा
खबरों के अनुसार भारत और इंडोनेशिया 450 मिलियन डॉलर के ब्रह्मोस मिसाइल सौदे पर बातचीत कर रहे हैं। इसके अलावा भारत ने इंडोनेशिया को भारतीय स्टेट बैंक या किसी अन्य राष्ट्रीय बैंक से ऋण लेने का भी प्रस्ताव दिया है।
यह भी पढ़ें: दिल्ली: सर्दी में बढ़े ब्रेन स्ट्रोक और Heart Attack के मामले, LNJP अस्पताल में बढ़ी भर्ती
सौदे पर चर्चा
हाल ही में भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने इंडोनेशिया का दौरा किया था जहां इस सौदे पर चर्चा हुई। इसके बाद 26 जनवरी को नई दिल्ली में होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो के भारत दौरे के दौरान इस सौदे पर और बातचीत होने की संभावना है। वह इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में भारत आ रहे हैं।
इंडोनेशिया बनेगा दूसरा एशियाई देश
रिपोर्ट के अनुसार इंडोनेशिया के रक्षा मंत्रालय ने अपने भारतीय समकक्षों को एक आधिकारिक पत्र भेजकर 450 मिलियन डॉलर के इस सौदे की बारीकियों पर काम करने की बात की है। अगर यह सौदा सफल होता है तो इंडोनेशिया फिलीपींस के बाद भारतीय ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली खरीदने वाला दूसरा एशियाई देश बन जाएगा।
यह भी पढ़ें: राशन कार्ड धारकों के लिए बड़ी खबर: 31 मार्च तक E-KYC करना है जरूरी, नहीं तो अन्नाज मिलना हो जाएगा बंद
पहलू: फिलीपींस और वियतनाम के साथ सौदे
इससे पहले भारत ने 2022 में फिलीपींस के साथ 375 मिलियन डॉलर का सौदा किया था जिसमें ब्रह्मोस मिसाइलों के समुद्र से सतह पर मार करने वाले वेरिएंट की तीन बैटरियाँ शामिल थीं। इसके अलावा भारत और वियतनाम भी ब्रह्मोस मिसाइलों के लिए 700 मिलियन डॉलर के सौदे पर काम कर रहे हैं।
भारत के लिए रक्षा निर्यात में नया मुकाम
यह सौदा भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि ब्रह्मोस मिसाइलों का निर्यात भारतीय रक्षा उद्योग के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इससे भारत का रक्षा क्षेत्र मजबूत होगा और उसके निर्यात में भी वृद्धि होगी।