4000-5000 रुपए तक बढ़ सकती है Gold की कीमत, सरकार ले सकती है फैसला
punjabkesari.in Monday, Jan 06, 2025 - 12:40 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः देश में सोने की कीमतें एक बार फिर 4000 से लेकर 5000 रुपए प्रति तोला बढ़ सकती हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि पिछले बजट में सरकार द्वारा सोने की कीमतों पर कम की गई ड्यूटी को वापस लिए जाने पर विचार किया जा रहा है। यदि फरवरी के पहले हफ्ते आने वाले बजट में वित्त मंत्र निर्मला सीतारमण सोने पर ड्यूटी बढ़ाने की घोषणा करती हैं तो इसका सीधा असर सोने की कीमतों पर नजर आएगा। पिछले बजट के दौरान जब सरकार ने सोने की कीमतों पर कस्टम ड्यूटी कम की थी तो उस समय सोना एक ही दिन में 4000-5000 रुपए प्रति तोला सस्ता है गया था लेकिन इसका अब उल्टा परिणाम नजर आने लगा है सरकार द्वारा ड्यूटी कम किए जाने के बाद देश में सोने का आयात बढ़ गया है जो सरकार के लिए सिरदर्दी बन रहा है। क्योंकि सरकार का इंपोर्ट बिल दो वस्तुओं पर ज्यादा आ रहा है एक है कच्चा तेल और दूसरा है सोना। गोल्ड का इंपोर्ट बढ़ने और डॉलर के मुकाबले रुपए में आ रही लगातार गिरावट सरकार का व्यापार घाटा बढ़ रहा है इसको काबू करने के लिए सरकार इस बजट में गोल्ड पर कम की गई ड्यूटी के फैसले पर रिव्यू करेगी। रिव्यू के बाद गोल्ड की कीमतों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई जाती है तो सोने की कीमतों में तेजी आ सकती है।
जुलाई 2024 में ड्यूटी में कटौती के बाद आयात में भारी उछाल
जुलाई 2024 में पेश हुए बजट में सोने और चांदी की छड़ों पर कस्टम ड्यूटी को 15% से घटाकर 6% किया गया था। सरकार का उद्देश्य घरेलू स्तर पर वैल्यू एडिशन को प्रोत्साहित करना और रत्न एवं आभूषण के निर्यात को बढ़ावा देना था। हालांकि इसके बाद अगस्त 2024 में सोने के आयात में 104% की भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो $10.06 बिलियन तक पहुंच गया। इसके विपरीत रत्न और आभूषण का निर्यात 23% घटकर $1.99 बिलियन रह गया।
नवंबर 2024 के आंकड़े भी चौंकाने वाले हैं, जहां सोने का आयात 331.5% बढ़कर $14.86 बिलियन हो गया। वहीं रत्न और आभूषणों का निर्यात 26.26% घटकर $2.06 बिलियन रहा। अप्रैल-नवंबर 2024 के दौरान, सोने का आयात 49% बढ़कर $49.08 बिलियन हो गया, जबकि इसी अवधि में रत्न और आभूषण का निर्यात 10.16% घटकर $19.23 बिलियन रह गया।
‘मेक इन इंडिया’ पर जोर
सरकार अब सोने पर कस्टम ड्यूटी कटौती के प्रभावों का गहन विश्लेषण कर रही है। यदि आयात में हुई इस वृद्धि का उद्देश्य घरेलू खपत ही साबित होता है, तो ड्यूटी बढ़ाने पर फैसला लिया जा सकता है।
अधिकारियों ने बताया कि सरकार का मुख्य उद्देश्य ‘मेक इन इंडिया’ और निर्यात को प्रोत्साहित करना है। किसी भी अंतिम निर्णय से पहले आंकड़ों का गहन विश्लेषण और सभी हितधारकों से परामर्श लिया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछली बार कस्टम ड्यूटी घटाने के उद्देश्य को स्पष्ट किया था लेकिन अब समय आ गया है कि इसके परिणामों की समीक्षा की जाए और अगला कदम उठाया जाए।