मराठा आरक्षण में बड़ी जीत, मनोज जरांगे बोले, 'हम जीत गए', सरकार जल्द जारी करेगी आदेश
punjabkesari.in Tuesday, Sep 02, 2025 - 06:06 PM (IST)

नेशनल डेस्क: मराठा आरक्षण की मांग को लेकर लंबे समय से चल रहे आंदोलन में आज बड़ा बदलाव आया है। आंदोलन के प्रमुख नेता मनोज जरांगे ने घोषणा की है कि सरकार ने उनकी मांगें मान ली हैं। इसी के साथ मनोज जरांगे ने अपनी भूख हड़ताल वापस ले ली है। यह खबर मराठा समाज के लिए एक बड़ी जीत मानी जा रही है और आंदोलन अब शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त होने जा रहा है। मनोज जरांगे से महाराष्ट्र सरकार के तीन मंत्रियों ने आज मुंबई के आजाद मैदान पर मुलाकात की। इस बैठक में मराठा आरक्षण को लेकर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। मंत्रियों ने मनोज जरांगे को आश्वासन दिया कि सरकार आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज गैरजरूरी मुकदमों को वापस लेने पर सहमत है। इस बैठक के बाद मनोज जरांगे ने आंदोलन के समर्थकों को बताया कि सरकार ने उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया है।
मनोज जरांगे का जीत का दावा
बैठक के बाद मनोज ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, "हम जीत गए हैं।" उन्होंने साफ कहा कि सरकार मराठा समुदाय को कुनबी समुदाय का हिस्सा मानने वाला सरकारी आदेश (जीआर) जल्द जारी करेगी। मनोज ने कहा कि अगर यह आदेश आज रात नौ बजे तक जारी हो जाता है तो वे आंदोलन खत्म करके मुंबई से रवाना हो जाएंगे। यह घोषणा आंदोलन में लगे सभी लोगों के लिए राहत की खबर है।
सरकार की प्रमुख बातें और वादे
सरकार ने मनोज जरांगे को स्पष्ट रूप से कई महत्वपूर्ण बातें कही हैं। सबसे पहले हैदराबाद गैजेट को तत्काल लागू करने का निर्णय उपसमिति द्वारा लिया गया है, जिससे यह मांग जल्द पूरी होगी। वहीं, सतारा गैजेट को लेकर कुछ कानूनी अड़चनें पाई गई हैं, जिनकी जांच के बाद ही इसे लागू किया जाएगा। आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज गैरजरूरी मुकदमे वापस लिए जाएंगे, लेकिन गंभीर मामलों को छोड़ दिया जाएगा। शहीद हुए आंदोलनकारियों के परिवारों को आर्थिक सहायता देने पर भी सरकार सहमत हुई है। सबसे अहम मांग कुनबी समुदाय में मराठाओं को शामिल करने वाला सरकारी आदेश (जीआर) है, जिसे लेकर सरकार ने कहा है कि यह एक जटिल मामला है, इसलिए इसे जारी करने में दो महीने का समय लगेगा। सगे रिश्तेदारों को आरक्षण देने की मांग भी कानूनी रूप से जटिल है और इसके लिए अधिक समय की आवश्यकता होगी। हालांकि, सरकार ने यह भी वादा किया है कि जीआर आदेश एक घंटे के भीतर जारी कर दिया जाएगा, जिसके बाद आंदोलन को आधिकारिक रूप से समाप्त करने की घोषणा की जाएगी।
मनोज जरांगे ने आंदोलन खत्म करने का ऐलान क्यों किया?
मनोज जरांगे का कहना है कि सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन और आदेश जल्द जारी करने की गारंटी मिलने के बाद ही उन्होंने भूख हड़ताल वापस ली है। उन्होंने बताया कि यह कदम मराठा समाज के हित में है और अब आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से खत्म किया जाएगा। इससे पहले मनोज ने सरकार को दो महीने का अल्टीमेटम दिया था कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे आंदोलन और भी तेज करेंगे।
मराठा आरक्षण आंदोलन का अब क्या होगा?
सरकार के इस फैसले के बाद मराठा आरक्षण आंदोलन में बड़ी सफलता मिली है। आंदोलनकारियों को राहत मिली है क्योंकि उनके कई वर्षों की मांगें अब जल्द पूरी होने वाली हैं। सरकारी आदेश के बाद आंदोलन के सभी प्रदर्शनकारी वापस अपने घर लौटेंगे। सरकार की ओर से भी आंदोलनकारियों के लिए आर्थिक मदद और मुकदमों की वापसी ने माहौल को शांत किया है।