केंद्र से टकराव पर बोलीं ममता बनर्जी, बंगाल सरकार अलपन के साथ खड़ी रहेगी
punjabkesari.in Wednesday, Jun 02, 2021 - 10:34 PM (IST)

नेशनल डेस्कः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार के साथ टकराव में उनका प्रशासन अलपन बंदोपाध्याय के साथ खड़ा रहेगा। राज्य के पूर्व मुख्य सचिव बंदोपाध्याय को दिल्ली तलब किए जाने और बाद में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा उन्हें प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर दिए गए नोटिस से यह टकराव उत्पन्न हुआ। बंदोपाध्याय को आपदा प्रबंधन अधिनियम (डीएमए) के कथित उल्लंघन को लेकर यह नोटिस जारी किया गया।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि अलपन बंदोपाध्याय विवाद अब एक ‘‘समाप्त हो चुका अध्याय'' है। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि कैसे, जबकि सोमवार को सेवानिवृत्ति हो चुके अधिकारी को डीएमए के कथित उल्लंघन को लेकर केंद्र की आपराधिक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
विवाद पर सरकार के रूख के बारे में पूछे जाने पर ममता ने संवाददाताओं से कहा, ''अलपन बंदोपाध्याय अध्याय अब समाप्त हो चुका है। बंदोपाध्याय के साथ जो कुछ हो रहा है उसमें पश्चिम बंगाल सरकार पूरी तरह उनके साथ है ।'' वर्ष 1987 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अलपन बंदोपाध्याय 31 मई को सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन राज्य ने उनके कार्यकाल को तीन महीने के लिए बढ़ाने की अनुमति मांगी थी जो उन्हें पिछले माह मिल गई थी।
राज्य सरकार ने इसके लिए पश्चिम बंगाल में जारी कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रबंधन को लेकर उनके नेतृत्व में किए जा रहे कार्यों का हवाला दिया था। चक्रवाती तूफान के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 28 मई को मुख्यमंत्री बनर्जी के साथ समीक्षा बैठक के बाद उठे विवाद के बाद बंदोपाध्याय को केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली स्थित नार्थ ब्लॉक में रिपोर्ट करने को कहा गया था।
मुख्यमंत्री ने लंबी समीक्षा बैठक के बजाय प्रधानमंत्री के साथ 15 मिनट की मुलाकात की । वह इस बात से नाराज थी कि उनके पूर्व सहयोगी और भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी को भी इस बैठक में बुलाया गया था । यह बैठक ‘यास' तूफान के कारण हुयी क्षति की समीक्षा करने के लिये कलाईकुंडा एयर बेस में बुलायी गयी थी। केंद्र और राज्य के बीच जारी टकराव के बीच नौकरशाह ने दिल्ली में रिपोर्ट करने के बजाय सेवानिवृत्ति का फैसला किया। इसके तुरंत बाद उन्हें मुख्यमंत्री का मुख्य सलाहकार नियुक्त कर दिया गया ।