अगले सप्ताह हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद का दौरा कर सकती हैं ममता बनर्जी
punjabkesari.in Saturday, May 03, 2025 - 03:39 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आगामी सोमवार से दो दिवसीय दौरे पर हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले की यात्रा कर सकती हैं। यह दौरा उस समय हो रहा है जब राज्य सरकार विपक्षी दलों की तीखी आलोचनाओं का सामना कर रही है, जिन्होंने मुख्यमंत्री पर हिंसा के बाद घटनास्थल की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता और फरक्का से विधायक मनीरुल इस्लाम ने इस संभावित यात्रा की पुष्टि करते हुए बताया कि ममता बनर्जी सोमवार को बहरामपुर पहुंचेंगी, जो जिला मुख्यालय है। मुख्यमंत्री स्थानीय सर्किट हाउस में रात्रि विश्राम करेंगी और मंगलवार को शमशेरगंज व धुलियान जैसे संवेदनशील क्षेत्रों का दौरा करेंगी, जहां 11 अप्रैल को भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी।
प्रशासनिक बैठक और संगठनात्मक समीक्षा भी प्रस्तावित
विधायक मनीरुल इस्लाम के अनुसार, ममता बनर्जी मंगलवार को सुती के छपघाटी मैदान में एक प्रशासनिक बैठक की अध्यक्षता भी करेंगी। इस बैठक में कानून-व्यवस्था, राहत कार्यों और पुनर्वास जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी। साथ ही, मुख्यमंत्री के टीएमसी के स्थानीय नेताओं से संगठनात्मक मुद्दों पर भी बातचीत करने की संभावना है। यह माना जा रहा है कि इस मुलाकात में हाल की घटनाओं पर फीडबैक लिया जाएगा और पार्टी की ज़मीनी स्थिति का जायजा लिया जाएगा।
विरोध प्रदर्शन से भड़की थी हिंसा
गौरतलब है कि 11 अप्रैल को मुर्शिदाबाद के विभिन्न हिस्सों में वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें तीन लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए थे। इसके बाद इलाके में तनाव का माहौल बन गया और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई। मुख्यमंत्री बनर्जी ने पहले कहा था कि वह तब तक दौरा नहीं करेंगी जब तक इलाके में स्थिति सामान्य नहीं हो जाती। अब जब प्रशासन का कहना है कि क्षेत्र धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है, मुख्यमंत्री का दौरा पीड़ितों के लिए राहत और विश्वास का संकेत माना जा रहा है।
विपक्ष की आलोचना और मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री के दौरे की घोषणा से पहले विपक्षी दलों ने उन पर "जमीनी हकीकत से मुंह मोड़ने" का आरोप लगाया था। कई नेताओं ने सवाल उठाए थे कि यदि राज्य में सरकार पीड़ितों के बीच नहीं जाएगी, तो जनता की आवाज़ कौन सुनेगा? इसके जवाब में बनर्जी ने स्पष्ट किया था कि उनका उद्देश्य राजनीति नहीं, बल्कि प्रशासनिक स्थिरता बहाल करना है। उन्होंने यह भी कहा था कि "मैं दौरा तब करूंगी जब मेरी उपस्थिति से शांति बहाल करने में मदद मिले, न कि स्थिति और बिगड़े।"