''ममता बनर्जी होंगी I.N.D.I.A ब्लॉक की नई अध्यक्ष'', इस सांसद ने बताया सब कुछ
punjabkesari.in Monday, Feb 17, 2025 - 06:49 PM (IST)
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नेशनल डेस्क: कांग्रेस पार्टी की हार के बाद, विशेषकर लोकसभा और कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में, विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A में नेतृत्व को लेकर नए सवाल उठने लगे हैं। इस बीच तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद कीर्ति आजाद ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी, जिन्हें दीदी के नाम से भी जाना जाता है, जल्द ही I.N.D.I.A ब्लॉक की अध्यक्ष बन सकती हैं। कीर्ति आजाद का यह बयान गठबंधन में नेतृत्व के मुद्दे पर नई बहस को जन्म दे सकता है।
ममता बनर्जी के नेतृत्व की बात
कीर्ति आजाद ने कहा कि ममता बनर्जी के खिलाफ कोई भी व्यक्ति पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ेगा, तो उसे हार का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने यह भी भरोसा जताया कि आने वाले समय में ममता बनर्जी I.N.D.I.A ब्लॉक की अध्यक्ष बनेंगी और देश का नेतृत्व भी करेंगी। कीर्ति आजाद ने ममता की राजनीतिक ताकत और उनकी बढ़ती स्वीकार्यता का उल्लेख करते हुए, यह दावा किया कि दीदी का नेतृत्व गठबंधन के लिए फायदेमंद साबित होगा।
आरएसएस और बीजेपी पर निशाना
इस बीच, कीर्ति आजाद ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं पर भी निशाना साधा। RSS प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, आजाद ने कहा कि संघ और बीजेपी के पास केवल जुमले हैं और उनका काम लोगों को गुमराह करना है। कीर्ति ने यह भी दावा किया कि RSS के लोग अंग्रेजों के साथ थे और उन्होंने देश के विभाजन में अपनी भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा, "RSS ने हमेशा धर्म के नाम पर विभाजन को बढ़ावा दिया है, लेकिन जब आप उनसे पूछें कि उन्होंने देश के लिए क्या किया, तो उनके पास बस जुमले होते हैं।"
मोहन भागवत का बयान और RSS का उद्देश्य
इससे पहले, मोहन भागवत ने पश्चिम बंगाल के बर्धमान जिले में संघ के स्वयंसेवकों को संबोधित किया था। भागवत ने हिंदू समाज की विविधता और उसकी स्वभाविकता को स्वीकार करने की बात की थी। उनका कहना था कि RSS का उद्देश्य हिंदू समाज को एकजुट करना है, क्योंकि हिंदू समाज ही इस देश की संरचना के लिए जिम्मेदार है। भागवत के अनुसार, भारत का स्वभाव और उसकी संस्कृति प्राचीन है, जो दुनिया के अन्य हिस्सों से अलग है। भागवत ने यह भी कहा कि जिन लोगों ने भारत के स्वभाव को नहीं माना, उन्होंने पाकिस्तान जैसा अलग देश बना लिया। उनका कहना था कि दुनिया भर में हिंदू समाज ने हमेशा विविधता को स्वीकार किया और आगे बढ़ने की कोशिश की।