मासूम की गुहार, कोई बताता क्यों नहीं कहां हैं मेरे पिता?(Pics)

punjabkesari.in Monday, May 30, 2016 - 07:54 PM (IST)

इंंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक बच्चा अपने पिता की फोटो हाथ में पकड़ कर बार-बार यही पूछ रहा है कि आखिर कोई उसे बताता क्यों नहीं कि उसके पिता कहां है? ये बच्चा पिछले 8 सालों से अपने पिता की एक झलक पाने को तरस रहा है। हिमांशु जब महज 3 साल का था, जब उसके सिर से पिता का साया छीन गया। आज वो 11 साल का हो गया है लेकिन आज भी वो अपने पिता को तलाश रहा है। 

बीत चुके हैं 8 साल
जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2008 में 10 नवंबर की रात को मुंबई एटीएस की टीम ने बहुचर्चित मालेगांव ब्लास्ट को लेकर हिमांशु के पिता को अपनी हिरासत में लिया था। दिलीप पाटीदार शाजापुर जिले के दुपाड़ा गांव का रहने वाला है, दिलीप पाटीदार इंदौर के एक नामी अस्पताल में बतौर इलेक्ट्रीशियन काम करता था। तब से लेकर आज तक 8 बरस गुजर चुके हैं लेकिन हिमांशु के पिता घर नहीं लौटे। जब काफी वक्त होने के बाद भी दिलीप घर नहीं पहुंचा तो एटीस से संपर्क साधने पर पता चला कि दिलीप को पूछताछ के तीन दिन बाद ही छोड़ दिया गया था।

हाईकोर्ट की शरण में परिवार
एटीएस के जवाब से असतुंष्ट परिजनों ने इस मामले मे हाईकोर्ट की शरण ली और कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने जांच शुरू की। सालों चली जांच के बाद सीबीआई ने साल 2014 कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट पेश की लेकिन परिजनों ने हार नहीं मानी और दोबारा केस फाइल किया और अब जाकर इस केस में एटीएस की भूमिका कटघरे में आई और अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। अब इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने बड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है। कोर्ट ने एटीएस महाराष्ट्र के दो अफसरों पर अपहरण का मामला दर्ज करने के साथ ही उनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है।

ATS पर हत्या का आरोप
दिलीप के परिजनों का मानना है कि एटीएस ने टार्चर कर उसकी हत्या कर दी है। न्याय पाने के लिए यह परिवार हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट और मुख्यमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक से मिल चुका है। इंदौर सांसद सुमित्रा महाजन भी लोकसभा में इस मामले को उठा चुकी हैं, लेकिन परिजनों का इंतजार खत्म नहीं हुआ। परिवार के लोगों ने कोर्ट के फैसले पर राहत तो महसूस की है, लेकिन आज भी उन्हें दिलीप के लौटने ओर दोषियों को सजा मिलने का इंतजार है।


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