न भागने का मौका मिला, ना संभलने का... वैष्णो देवी मार्ग लैंडस्लाइड के बाद लोगों ने सुनाई आपबीती
punjabkesari.in Wednesday, Aug 27, 2025 - 10:24 PM (IST)

नेशनल डेस्क: माता वैष्णो देवी के दर्शन को निकले श्रद्धालुओं के लिए मंगलवार का दिन किसी दुःस्वप्न से कम नहीं रहा। तीन दिन से लगातार हो रही बारिश के बीच अचानक अर्धकुंवारी के पास भारी भूस्खलन हुआ, जिसमें अब तक 34 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। हादसे के बाद से इलाके में अफरा-तफरी मची हुई है और बचाव कार्य जारी है। मौके पर मौजूद लोगों ने सुनाई आपबीती...
तीन बजे गिरने लगे पत्थर
मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे जब अर्धकुंवारी मंदिर से कुछ ही दूरी पर हजारों श्रद्धालु मौजूद थे, तभी पहाड़ी से अचानक बड़े-बड़े पत्थर गिरने लगे। चश्मदीदों के अनुसार, सब कुछ इतना अचानक हुआ कि लोगों को संभलने या भागने का मौका भी नहीं मिला। कई लोग मलबे में दब गए। हादसे के बाद से पूरे क्षेत्र में हाहाकार मच गया है।
जयकारों की जगह चीख-पुकार
आमतौर पर ‘जय माता दी’ के जयकारों से गूंजने वाला कटरा और भवन क्षेत्र अब चीख-पुकार और मातम में डूबा हुआ है। शुरुआती खबरों में 5-7 लोगों की मौत की पुष्टि हुई थी, लेकिन बुधवार सुबह तक यह आंकड़ा बढ़कर 34 तक पहुंच गया। कई लोग घायल हैं और कुछ अब भी लापता बताए जा रहे हैं।
हर दिन हजारों श्रद्धालु करते हैं यात्रा
कटरा से भवन तक की दूरी करीब 14 किलोमीटर है। रास्ते में 7 किलोमीटर की दूरी पर अर्धकुंवारी गुफा पड़ती है, जहां अधिकतर श्रद्धालु दर्शन के लिए रुकते हैं। हादसे के वक्त भी हजारों श्रद्धालु या तो दर्शन के लिए ऊपर जा रहे थे या लौट रहे थे। भारी बारिश के बीच यात्रा सामान्य रूप से चल रही थी, तभी यह त्रासदी घट गई।
रेल सेवा बुरी तरह प्रभावित, 58 ट्रेनें रद्द
भारी बारिश और खराब मौसम के चलते जम्मू क्षेत्र में रेलवे सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। रेलवे प्रशासन ने एहतियातन 58 ट्रेनों को रद्द कर दिया है, जिनमें दिल्ली-कटरा, दिल्ली-जम्मू तवी और अमृतसर-कटरा जैसी प्रमुख ट्रेनें शामिल हैं। इसके अलावा 64 ट्रेनों के मार्ग में बदलाव किया गया है।
स्कूल-कॉलेज गुरुवार को रहेंगे बंद
जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश और आपदा को देखते हुए गुरुवार, 28 अगस्त को सभी स्कूल और कॉलेज बंद रखने का फैसला लिया गया है। राज्य की शिक्षा मंत्री सकीना इटू ने इस संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर जानकारी दी है।
प्रशासन और बचाव दल मुस्तैद
घटना के बाद से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। सरकार ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने का ऐलान भी किया है।