तवे पर रखी किडनी और आंत, मसाले लगाकर मां का शरीर खाता रहा बेटा, क्रूरता देख आई उल्टी, भाई बोला साहेब...
punjabkesari.in Thursday, Jun 12, 2025 - 01:33 PM (IST)

नेशनल डेस्क। 28 अगस्त 2017 का दिन जब कोल्हापुर में गणपति पूजा का तीसरा दिन था शाहूपुरी पुलिस स्टेशन में दोपहर करीब ढाई बजे एक चौंकाने वाला फ़ोन आया. हेड कॉन्स्टेबल तानाजी रामचंद्र चौंगले ने फ़ोन उठाया और दूसरी ओर से आवाज़ आई, ‘मां का मर्डर हो गया है!’ पता चला कि घटना 'माकड़वाला बस्ती' की थी जहाँ जानवरों का शिकार करने वाला कुचकोरवी आदिवासी समुदाय रहता था. पुलिस के लिए यह मामला सामान्य नहीं था क्योंकि बस्ती के लोग पहले जानवरों का शिकार करते थे लेकिन एक मां की हत्या और वह भी इतनी क्रूरता से यह उन्हें अटपटा लगा.
नाली में खून और झोपड़ी के अंदर का भयावह मंज़र
पुलिस की टीम जिसमें SHO संजय मोरे और आधा दर्जन सिपाही शामिल थे तुरंत घटनास्थल के लिए रवाना हुई. बस्ती में पहुँचते ही लोगों की भीड़ जमा होने लगी. पुलिस ने देखा कि नाली में पानी की जगह खून बह रहा था. वे खून के निशान का पीछा करते हुए एक टिन की छत वाली झोपड़ी तक पहुँचे.
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झोपड़ी के अंदर का नज़ारा बेहद भयावह था. प्लाईवुड से दो हिस्सों में बंटे एक कमरे में एक शख्स जिसका नाम सुनील कुचकोरवी था हाफ पैंट में खून से सना बैठा था. उसके पास तीन धारदार चाकू रखे थे. कमरे में एक बूढ़ी महिला की नग्न लाश पड़ी थी जिसके शरीर के अंग पूरी तरह से अलग-थलग थे. आंतें, कलेजा दिल सब बाहर निकाले गए थे यहाँ तक कि स्तन भी काटकर लाश के पास रखे थे. पूरे कमरे का फर्श खून से लाल था और यही खून नाली में बह रहा था. पास ही सुनील खून से सना हुआ बैठा था और मांस जैसा कुछ खा रहा था. यह मंज़र देखकर दो कॉन्स्टेबल को उल्टी होने लगी.
SHO मोरे और तानाजी दूसरे कमरे में गए जहाँ का दृश्य और भी भयानक था. एक गैस-चूल्हे पर धीमी आँच पर तवा चढ़ा था जिस पर मांस का टुकड़ा रखा था और नमक, मिर्च व चटनी डली थी. मांस पकने की बदबू हवा में फैल रही थी. पास ही तेल के बर्तन में एक हड्डी का टुकड़ा पड़ा था.
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भाई ने किया खुलासा: 'सुनील ने मां को मारकर खा लिया'
तभी भीड़ में से सुनील का भाई राजू कुचकोरवी जो सफ़ेद शर्ट और लुंगी पहने था रोते हुए पुलिस के सामने आया. उसने हाथ जोड़कर कहा, ‘साहेब, यह सुनील कुचकोरवी मेरा भाई है. इसने हमारी मां यल्लवा रामा कुचकोरवी को मार डाला और उसे खा लिया.’
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की. फोरेंसिक टीम को बुलाया गया और क्राइम सीन की हर कोने से तस्वीरें ली गईं. सुनील के खून से सने कपड़े और तीनों चाकू फोरेंसिक जाँच के लिए पैक कर लिए गए. मृतक महिला के शरीर के पास पड़े अंगों को भी इकट्ठा किया गया लेकिन शरीर के कुछ हिस्से गायब थे. तवे पर पड़ा मांस भी सबूत के तौर पर लिया गया. मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. सुनील एक कोने में चुपचाप बैठा था बिना एक शब्द बोले बदहवास-सा भीड़ को देख रहा था. भीड़ में गुस्सा बढ़ रहा था लोग उसे तुरंत मार देने की बात कर रहे थे लेकिन SHO मोरे ने स्थिति को नियंत्रित करते हुए सुनील को हथकड़ी लगाकर थाने ले जाने का आदेश दिया.
थाने में कबूला गुनाह: 'मां ने कहा था, भूनकर खा ले'
थाने ले जाए जाने पर सुनील ने अपना गुनाह कबूल कर लिया. उसके चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी. पुलिस को उसने बताया कि वह अपनी 63 साल की मां यल्लवा से शराब पीने के लिए पैसे मांग रहा था. जब मां ने पैसे देने से इनकार कर दिया, तो उसने गुस्से में कहा, 'पैसे नहीं हैं मेरे पास, आ मुझे भूनकर खा ले.'
सुनील ने पुलिस को बताया कि इसके बाद उसने पहले मां की चाकू से हत्या की और फिर मां का दिमाग निकाला. इसके बाद उसने चाकू से दिल, लिवर, किडनी और आंतें बाहर निकालीं. उसने इन अंगों को तवे पर पकाकर नमक-मिर्च के साथ खाया. यह सुनकर पुलिसकर्मी भी सन्न रह गए. दो कॉन्स्टेबलों ने सुनील की बातें सुनकर उल्टी तक कर दी.
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पुलिस इंस्पेक्टर एसएस मोरे ने इस पूरे मामले की जांच की. उन्होंने बताया, मैंने अपने करियर में कई हत्याएँ देखीं लेकिन यह मामला अब तक का सबसे क्रूर था. पुलिस ने मृतक के शव और अंगों के सैंपल डीएनए प्रोफाइलिंग के लिए भेजे जो मृतक से मेल खाते थे. पुलिस के पास 12 गवाह थे और क्राइम सीन की स्थिति व शव की हालत सुनील की क्रूरता को साबित करने के लिए पर्याप्त थी.
अदालत ने सुनाई मौत की सज़ा
साल 2021 में कोल्हापुर की स्थानीय अदालत ने सुनील को मौत की सज़ा सुनाई. इस फैसले के खिलाफ उसने बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील दायर की. करीब तीन साल की सुनवाई के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा. जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने इसे 'रेयरेस्ट ऑफ रेयर' (दुर्लभ से दुर्लभतम) मामला माना जिससे समाज में इस तरह के जघन्य अपराधों के प्रति एक सख्त संदेश गया है.