महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल, फडणवीस-उद्धव ठाकरे की बंद कमरे में हुई मुलाकात

punjabkesari.in Thursday, Jul 17, 2025 - 06:41 PM (IST)

नेशनल डेस्क : महाराष्ट्र विधानसभा में आज एक अहम राजनीतिक हलचल देखने को मिली, जब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच एक बंद कमरे में मुलाकात हुई। यह बैठक विधान परिषद के सभापति राम शिंदे के कक्ष में करीब 20 मिनट तक चली, जिसमें उद्धव ठाकरे के साथ उनके बेटे आदित्य ठाकरे भी मौजूद थे। यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब एक दिन पहले ही देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे को सत्ता पक्ष में शामिल होने का न्योता दिया था। सूत्रों के मुताबिक, इस मुलाकात में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद, राज्य में तीन-भाषा नीति और अन्य राजनीतिक मुद्दे शामिल थे।

राज्य में बन रहे नए राजनीतिक समीकरण?

हालांकि दोनों नेताओं की ओर से इस मुलाकात को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह मुलाकात महाराष्ट्र की राजनीति में संभावित नए समीकरणों के संकेत के तौर पर देखी जा रही है।

फडणवीस ने दिया था उद्धव को सत्ता में शामिल होने का प्रस्ताव

गौरतलब है कि बुधवार को ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधान परिषद में अपने पुराने साथी रहे उद्धव ठाकरे को सत्ता पक्ष में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि इस प्रस्ताव पर सदन में कुछ हल्की-फुल्की चुटकियाँ ली गईं, लेकिन शिवसेना (UBT) प्रमुख ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। फडणवीस के इस ऑफर पर बाद में उद्धव ठाकरे ने मीडिया से कहा, "कुछ बातों को मजाक में लेना चाहिए।"

फडणवीस का पूरा बयान:

दरअसल, देवेंद्र फडणवीस ने विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे के कार्यकाल के खत्म होने पर आयोजित विदाई समारोह के दौरान यह बयान दिया था। सीएम ने उद्धव ठाकरे को सत्ता पक्ष में शामिल होने का प्रस्ताव देते हुए कहा था, "देखिए उद्धव जी, 2029 तक हमारे वहां (विपक्ष में) आने का कोई स्कोप नहीं है, लेकिन आप यहां (सत्ता पक्ष) आ सकते हैं, इस पर विचार किया जा सकता है।" उन्होंने यह भी कहा, "हम वहां जाएं, यह ऑप्शन अब बचा नहीं है।" फडणवीस ने यह भी कहा कि अंबादास दानवे चाहे जहां भी हों (पक्ष या विपक्ष) लेकिन उनके वास्तविक विचार राष्ट्रवादी हैं।

महाराष्ट्र का बदलता राजनीतिक समीकरण

फडणवीस का यह बयान ऐसे वक्त में आया, जब महाराष्ट्र की राजनीति में गठबंधनों और टकरावों का दौर जारी है। 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा और शिवसेना (उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में) के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर मतभेदों के कारण गठबंधन टूट गया था। इसके बाद उद्धव ने महाविकास अघाड़ी (MVA) बना कर सरकार बनाई थी। हालांकि, 2022 में एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद उद्धव की सरकार गिर गई थी। इसके बाद बीजेपी के समर्थन से एकनाथ शिंदे ने सरकार बनाई थी।


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Content Editor

Shubham Anand

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