बढ़ते धर्मांतरण पर महाराष्ट्र सख्त, जल्द लागू होगा धर्मांतरण विरोधी कानून, ऐसा करने वाला बनेगा 11वां राज्य

punjabkesari.in Tuesday, Jul 15, 2025 - 05:55 PM (IST)

नेशनल डेस्क : महाराष्ट्र सरकार आगामी शीतकालीन सत्र में धर्मांतरण रोकने के लिए एक सख्त कानून पेश करने की तैयारी में है। राज्य के गृह राज्यमंत्री (ग्रामीण) पंकज भोयर ने विधान परिषद में इस कानून की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह कानून अन्य राज्यों की तुलना में कहीं अधिक कड़े प्रावधानों वाला होगा, और इसके पारित होने के बाद महाराष्ट्र देश का ग्यारहवां राज्य बन जाएगा, जहां धर्मांतरण विरोधी कानून लागू होगा।

डीजीपी की अगुवाई में गठित पैनल
गृह राज्य मंत्री पंकज भोयर ने जानकारी दी कि राज्य पुलिस महानिदेशक (DGP) के नेतृत्व में एक पैनल का गठन किया गया है, जो इस कानून का प्रारूप तैयार कर चुका है। पैनल द्वारा तैयार रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है, और इसी के आधार पर प्रस्तावित कानून को दिसंबर में नागपुर में होने वाले राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा।
 

धर्मांतरण विरोधी कानून वाले 10 राज्यों की सूची

1. राजस्थान

2. उत्तर प्रदेश

3. मध्य प्रदेश

4. ओडिशा

5. आंध्र प्रदेश

6. छत्तीसगढ़

7. गुजरात

8. हिमाचल प्रदेश

9. झारखंड

10. उत्तराखंड

आदिवासी इलाकों में धर्मांतरण का आरोप
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब भाजपा विधायकों द्वारा राज्य के आदिवासी जिलों, खासकर पालघर और नंदुरबार में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण किए जाने के आरोप लगाए गए हैं। भाजपा विधायक अनूप अग्रवाल ने सदन में दावा किया कि विदेशी फंडिंग से बनाए गए अवैध चर्चों के ज़रिए आदिवासियों का धमकी, प्रलोभन और चिकित्सा सहायता के नाम पर धर्मांतरण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कई गांवों में, जिनकी आबादी महज़ 2,000 के आसपास है, वहां 5-6 चर्च संचालित हो रहे हैं, जो इस गतिविधि का प्रमाण हैं। अग्रवाल ने इस पर सख्त कार्रवाई की मांग की।

पहले भी उठ चुकी है कानून की मांग
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने जबरन धर्मांतरण या कथित लव जिहाद के मामलों पर कानून लाने की मांग की हो। मार्च 2025 में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस विषय पर बयान देते हुए कहा था कि सरकार को ऐसे मामलों की 1 लाख से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं, और राज्य में ऐसे कानून की आवश्यकता महसूस की जा रही है।


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Content Editor

Shubham Anand

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