Mahakumbh 2025: 2 महीने की दुल्हन ने पूरे परिवार का किया पिंडदान, वजह को जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान!

punjabkesari.in Wednesday, Jan 22, 2025 - 10:18 AM (IST)

नेशनल डेस्क। महाकुंभ में कई लोग संन्यास लेने के लिए कदम बढ़ाते हैं और सांसारिक जीवन को छोड़कर अध्यात्म की राह अपनाते हैं। इसी कड़ी में दिल्ली की ममता वशिष्ठ ने भी संन्यास का निर्णय लिया है। महाकुंभ के दौरान उन्होंने खुद का पिंडदान किया और संन्यास के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।

2 महीने पहले की थी शादी

ममता वशिष्ठ ने महाकुंभ से दो महीने पहले दिल्ली के संदीप वशिष्ठ से विवाह किया था लेकिन शादी के बाद महज दो महीने के भीतर ही उन्होंने गृहस्थ जीवन छोड़ दिया और अब संन्यास लेने का निर्णय लिया। ममता का कहना है कि वह सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करना चाहती हैं और मानव कल्याण के लिए काम करेंगी।

 

यह भी पढ़ें: WhatsApp में आ रहा गजब का म्यूजिक स्टेटस अपडेट फीचर, अब खुशी से झूम उठेंगे यूजर्स

 

महाकुंभ में किन्नर अखाड़े के शिविर में किया पिंडदान

महाकुंभ में ममता ने किन्नर अखाड़े के शिविर में पिंडदान की पूरी विधि का पालन किया। इसके बाद किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उन्हें महामंडलेश्वर घोषित किया। ममता ने कहा कि उनका हमेशा से सनातन धर्म में गहरा विश्वास रहा है और इस निर्णय में उनके पति और सास ने उनका पूरा साथ दिया।

 

यह भी पढ़ें: दिल्ली चुनाव: दिल्ली में 4 दिन तक रहेगा ‘ड्राई डे', बंद रहेंगे मयखाने, होटल और रेस्तरां में भी नहीं मिलेगी शराब

 

महामंडलेश्वर बनीं ममता

डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने बताया कि ममता की संन्यास की दिशा में रुचि को देखते हुए उन्हें दीक्षा दी गई और महामंडलेश्वर का पद सौंपा गया। इस बार महाकुंभ में किन्नर और महिला संतों के लिए पिंडदान के बाद मुंडन अनिवार्य नहीं किया गया जिससे ममता को अपना संन्यास अपनाने में आसानी हुई।

फिलहाल अब ममता संन्यास के मार्ग पर चलकर धर्म और मानवता की सेवा करेंगी। उनके इस कदम को लेकर किन्नर अखाड़े और अन्य संतों ने उन्हें आशीर्वाद दिया है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Rohini Oberoi

Related News