हैरान रह गए निवेशक... चांदी को लेकर सामने आई साल 2025 की अब तक की सबसे बड़ी खबर
punjabkesari.in Tuesday, Dec 23, 2025 - 05:37 PM (IST)
नेशनल डेस्क: भारतीय कमोडिटी बाजार में आज एक नया इतिहास रचा गया। मंगलवार, 23 दिसंबर 2025 को सोने और चांदी की कीमतों ने अपने अब तक के सबसे उच्चतम स्तर को छू लिया। जहाँ सोने ने अपनी चमक से बाजार को चकाचौंध किया, वहीं चांदी ने 141% से अधिक का रिटर्न देकर स्मॉलकैप और लार्जकैप जैसे दिग्गज स्टॉक इंडेक्स को भी पछाड़ दिया है।
बाजार का ताजा हाल: रिकॉर्ड ऊंचाई पर भाव
MCX और IBJA के आंकड़ों के अनुसार आज बाजार खुलते ही कीमती धातुओं में जबरदस्त तेजी देखी गई है। सोने की कीमत करीब 1,600 रुपये की बढ़त के साथ 1,38,381 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। चांदी ने 2,800 रुपये की लंबी छलांग लगाई और 2,16,596 रुपये प्रति किलोग्राम के ऐतिहासिक स्तर पर कारोबार करती देखी गई।
चांदी ने कैसे बदला निवेश का कैलकुलेशन?
साल 2025 चांदी के लिए 'गोल्डन ईयर' साबित हुआ है। जानकारों का कहना है कि इस साल चांदी ने 141% से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की है। इसकी तुलना में शेयर बाजार का प्रदर्शन काफी फीका रहा है। जहाँ निफ्टी और सेंसेक्स जैसे इंडेक्स वैश्विक दबाव के कारण उतार-चढ़ाव भरे रहे, वहीं चांदी ने सुरक्षित निवेश और औद्योगिक मांग के चलते निवेशकों की झोली भर दी।
विशेषज्ञों की नजर में तेजी के 3 मुख्य कारण हैं
बाजार के जानकारों ने इस रिकॉर्ड तोड़ तेजी के पीछे कुछ प्रमुख वजहें बताई हैं:
1. औद्योगिक मांग : रिन्यूएबल एनर्जी (सोलर पैनल) और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में चांदी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। 'ग्रीन एनर्जी' की ओर बढ़ते कदम चांदी की मांग को और बढ़ा रहे हैं।
2. आपूर्ति में कमी : वैश्विक स्तर पर चांदी का उत्पादन मांग के मुकाबले कम है, जिससे कीमतों को लगातार सपोर्ट मिल रहा है।
3. सुरक्षित निवेश: वैश्विक अनिश्चितता और मुद्रास्फीति (Inflation) के बीच निवेशकों ने शेयर बाजार के बजाय सोने-चांदी को अधिक सुरक्षित माना है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) की उपाध्यक्ष अक्षा कंबोज के अनुसार, "चांदी का 2 लाख रुपये के स्तर को पार करना और वहां टिके रहना यह दर्शाता है कि निवेशकों और उद्योग जगत का इस पर भरोसा बहुत मजबूत है।"
वहीं गियोटस (Giottus) के सीईओ विक्रम सुब्बुराज का मानना है कि शॉर्ट-टर्म में थोड़ी अस्थिरता (Volatility) आ सकती है, लेकिन लॉन्ग-टर्म रुझान बेहद सकारात्मक है। ग्रीन एनर्जी और सीमित सप्लाई के कारण भविष्य में चांदी का लक्ष्य 75 डॉलर प्रति औंस तक भी हो सकता है।


