कोश्यारी के बयान पर महाराष्ट्र में ‘महाभारत’, राज्यपाल को हटाने की मांग ने पकड़ा जोर

punjabkesari.in Thursday, Nov 24, 2022 - 07:17 PM (IST)

नेशनल डेस्कः महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का एक बयान केंद्र सरकार के लिए मुसीबत बन गया है। कोश्यारी के बयान को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों ‘महाभारत’ देखने को मिल रही है। पूरी कहानी जानने से पहले ये जान लीजिए कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने क्या कहा, ‘जिस वजह से उन्हें हटाने के लिए प्रत्येक राजनीतिक दल केंद्र से अपील कर रहा है।‘

गडकरी को बताया आज के युग का आदर्श
दरअसल, राज्यपाल ने डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को आज के युग का नया आदर्श बता दिया। उन्होंने कहा कि अगर कोई आपसे पूछता है कि आपका आदर्श कौन हैं? तो आपको उसे खोजने के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं है। वे आपको यहीं मिल जाएंगे। राज्यपाल कोश्यारी ने कहा कि शिवाजी महाराज तो पुराने युग की बात हो गई, नए युग में आपको बाबासाहेब अंबेडकर से लेकर नितिन गडकरी तक आदर्श यहीं मिल जाएंगे।

कांग्रेस ने साधा निशाना
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कोश्यारी के बयान पर केंद्र से उन्हें वापस बुलाने की मांग करते हुए कहा कि ‘‘इसे सहन नहीं किया जाएगा। भाजपा को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी होगी और राज्यपाल को वापस बुलाना होगा।'' उन्होंने कहा कि कोश्यारी ने महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले के खिलाफ भी अपमानजनक बयान दिया था। पटोले ने दावा किया कि उसके नेता सुधांशु त्रिवेदी ने शिवाजी महाराज के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की है। 

राज्यपाल का पद छोड़ देना चाहिए- NCP
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बयान पर एनसीपी के सीनियर नेता अजित पवार ने कहा कि महामहिम अगर राज्य की भावनाओं और महान योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज को नहीं समझ सकते तो उन्हें अपना पद छोड़ने पर विचार करना चाहिए। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराज लोगों के कल्याण के लिए एक महान आदर्श थे, न कि स्वार्थ के लिए। इन आदर्शों ने महाराष्ट्र को प्रेरित किया है और हमेशा के लिए ऐसा करना जारी रखेंगे।” पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोश्यारी की टिप्पणी पर संज्ञान लेना चाहिए।

भाजपा ने किया बचाव
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल के बयान का बचाव करते हुए कहा कि जब तक सूर्य और चंद्रमा का अस्तित्व रहेगा तब तक शिवाजी आदर्श रहेंगे। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज महाराष्ट्र और हमारे देश के नायक और आदर्श बने रहेंगे।'' "यहां तक ​​​​कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के मन में भी इस बारे में कोई संदेह नहीं है। इस प्रकार, राज्यपाल द्वारा की गई टिप्पणी के विभिन्न अर्थ निकाले गए हैं। मुझे लगता है कि देश में शिवाजी महाराज के अलावा कोई अन्य आदर्श नहीं है।'' त्रिवेदी द्वारा दिए गए बयान पर सफाई देते हुए फडणवीस ने कहा, ‘‘मैंने सुधांशु त्रिवेदी द्वारा दिया गया बयान स्पष्ट रूप से सुना है। उन्होंने कभी ऐसा कोई बयान नहीं दिया कि शिवाजी महाराज ने माफी मांगी है।''

शिंदे गुट ने की राज्यपाल बदलने की मांग
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत ‘बालासाहेबांची शिवसेना' राज्यपाल के बयान के बाद केंद्र से उन्हें बदलने की मांग करते हुए कहा कि कोश्यारी ने मराठा साम्राज्य के संस्थापक के खिलाफ टिप्पणी की है और अतीत में भी विवादों को जन्म दिया है। शिंदे गुट के एक विधायक ने कहा कि ‘‘राज्यपाल को समझना चाहिए कि छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्श कभी पुराने नहीं पड़ते और उनकी तुलना दुनिया के किसी भी अन्य महान व्यक्ति से नहीं की जा सकती है। मेरा केन्द्र के भाजपा नेताओं से अनुरोध है कि जिस व्यक्ति को राज्य के इतिहास का नहीं पता है, कैसे यह काम करता है, उसे दूसरी जगह भेजा जाना चाहिए।''

सांसद ने की कार्रवाई की मांग
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद एवं छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोसले ने 17वीं सदी के मराठा शासक के बारे में कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और अपनी पार्टी के सहकर्मी सुधांशु त्रिवेदी की आलोचना की। कोश्यारी मराठा साम्राज्य के संस्थापक को ‘पुराने समय का आदर्श' बताने को लेकर आलोचना का सामना कर रहे हैं, जबकि त्रिवेदी ने कथित तौर पर कहा था कि शिवाजी महाराज ने मुगल बादशाह औरंगजेब से माफी मांगी थी। भोसले ने मंगलवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक पत्र लिख कर कोश्यारी और त्रिवेदी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

पवार बोले-राज्यपाल ने की हदें पार
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने छत्रपति शिवाजी महाराज पर हालिया बयान को लेकर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की बृहस्पतिवार को आलोचना की और कहा कि उन्होंने ''सारी हदें पार कर दी हैं।'' पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि ‘‘ऐसे लोगों'' को महत्वपूर्ण पद नहीं दिए जाने चाहिए।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी विवादित बयान दे चुके हैं। राज्यपाल का यह बयान मोदी सरकार और महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। हालांकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। उधर, उद्धव गुट के समर्थकों ने राज्यपाल कोश्यारी के खिलाफ जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया, नारेबाजी की। राज्पाल का पुतला भी फूंका।


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Content Writer

Yaspal

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