ग्लोइंग स्किन की चाहत में इंजेक्शन-ड्रिप्स, सर्जरी का सहारा, जोर पकड़ रहा जवां दिखने का ट्रेंड... तेजी से बढ़ रही एंटी एजिंग मार्केट
punjabkesari.in Wednesday, Jul 02, 2025 - 06:08 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उम्र को धीमा करने की चाहत अब सिर्फ व्यक्तिगत इच्छा नहीं, बल्कि एक तेजी से बढ़ता हुआ ट्रेंड बन चुका है। हाल ही में 'कांटा लगा गर्ल' के नाम से मशहूर एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला की मौत की खबर ने इस विषय पर ध्यान खींचा, जिसमें पता चला कि वह एंटी एजिंग दवाओं और सप्लीमेंट्स का उपयोग कर रही थीं। हालांकि उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई, लेकिन जांच में यह बात सामने आई कि वे ग्लूटाथियोन इंजेक्शन और अन्य सप्लीमेंट्स ले रही थीं जो त्वचा को चमकदार बनाते हैं।
भारत में भी एंटी एजिंग की सेवाओं और प्रोडक्ट्स की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। खासकर उन क्षेत्रों में जहां आपका चेहरा आपकी पहचान होता है और आपकी छवि आपके काम से ज्यादा मायने रखती है, वहां इस ट्रेंड ने गहरी पकड़ बना ली है।
भारत में एंटी एजिंग के तहत बोटोक्स, फिलर्स, फेशियल सर्जरी, और अन्य स्किन केयर ट्रीटमेंट उपलब्ध हैं, जो झुर्रियां कम करने, स्किन टाइट करने और त्वचा को युवा बनाए रखने में मदद करते हैं। इनके अलावा, रीजेनरेटिव और सेनोलिटिक मेडिसिन का भी उपयोग बढ़ रहा है, जो कोशिकाओं की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करती हैं।
मार्केट रिसर्च फ्यूचर (MRFR) के अनुसार, भारत में एंटी एजिंग सर्विस मार्केट का आकार 2023 में लगभग 343.6 मिलियन डॉलर था, जो 2024 में बढ़कर 400 मिलियन डॉलर और 2035 तक लगभग 964 मिलियन डॉलर (लगभग 80 अरब रुपये) तक पहुंचने की संभावना है। इस तेजी से बढ़ते बाजार का मुख्य कारण बढ़ती मध्यम वर्ग की महत्वाकांक्षाएं, सोशल मीडिया का प्रभाव और कोविड-19 के बाद स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता में वृद्धि है।
बढ़ती उम्र के साथ युवाओं की यह कोशिश कि वे यंग और फिट दिखें, एंटी एजिंग सेवाओं की मांग को बढ़ा रही है। आज भारत में बोटोक्स, फिलर्स, फेसलिफ्ट, फैट ग्राफ्टिंग जैसे कई ट्रीटमेंट आम हो गए हैं, जिन्हें करने वाले सेंटर और क्लीनिकों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। इस प्रकार, उम्र को थामे रखने का यह ट्रेंड अब केवल एक फैशन नहीं, बल्कि एक बड़े व्यवसाय के रूप में उभर चुका है।