दुनिया में और चमका भारत का नाम ! इस शहर के नवाबी व्यंजन पहुंचे वैश्विक मंच पर, यूनेस्को में हुआ नाम शामिल
punjabkesari.in Saturday, Nov 01, 2025 - 11:35 AM (IST)
International Desk:लखनऊ को उसकी समृद्ध और विविध पाककला विरासत के लिए यूनेस्को के ‘‘रचनात्मक शहरों'' की सूची में शामिल किया गया है। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की महानिदेशक ऑड्रे अजोले ने 58 शहरों को यूनेस्को के रचनात्मक शहरों के नेटवर्क के नए सदस्य के रूप में नामित किया है। इस सूची में अब 100 से अधिक देशों के 408 शहर शामिल हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को ‘‘पाक कला'' श्रेणी में मान्यता दी गई है। यूनेस्को में भारत के स्थायी प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक ‘पोस्ट' में कहा, ‘‘भारत के लिए गर्व का क्षण। लखनऊ की समृद्ध पाककला विरासत को अब वैश्विक मंच पर पहचान मिली है!'' प्रतिनिधिमंडल ने कहा, ‘‘विश्व नगर दिवस 2025 (30 अक्टूबर) के अवसर पर लखनऊ को ‘यूनेस्को क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी' नामित किया गया है। लखनऊ के साथ 58 नए शहरों को ‘यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क' (UCCN) में स्थान मिला है।
From mouth-watering Galouti Kabab to Awadhi Biryani, delectable Chaat & Golgappe, desserts like Makhan Malai & so much more - Lucknow in Uttar Pradesh is a haven for food, enriched in centuries-old traditions.
— United Nations in India (@UNinIndia) October 31, 2025
Lucknow is now recognised by @UNESCO as a Creative City of Gastronomy pic.twitter.com/fXhU6kSeWd
UCCN में अब 100 से अधिक देशों के 408 शहर शामिल हैं।'' लखनऊ अपने समृद्ध और पारंपरिक लजीज व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें चाट से लेकर अवधी व्यंजन और स्वादिष्ट मिठाइयां शामिल हैं। विश्व नगर दिवस पर घोषित यह सम्मान शहरों को ‘‘सतत शहरी विकास के प्रेरक के रूप में रचनात्मकता को बढ़ावा देने की उनकी प्रतिबद्धता'' के लिए सम्मानित करता है। अजोले ने कहा, ‘‘यूनेस्को के रचनात्मक शहर दर्शाते हैं कि संस्कृति और रचनात्मक उद्योग विकास के ठोस प्रेरक हो सकते हैं। हम 58 नए शहरों का स्वागत करके एक ऐसे नेटवर्क को मजबूत कर रहे हैं जहां रचनात्मकता स्थानीय पहलों का समर्थन करती है, निवेश आकर्षित करती है और सामाजिक सामंजस्य को बढ़ावा देती है।'' वर्ष 2004 में स्थापित UCCN का उद्देश्य उन शहरों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है जो समावेशी और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए संस्कृति और रचनात्मकता का लाभ उठाते हैं। यह उन पहलों का समर्थन करता है जो रोजगार पैदा करती हैं, सांस्कृतिक जीवंतता को बढ़ावा देती हैं और सामाजिक सामंजस्य को मजबूत करती हैं।
Celebrating Lucknow’s Gastronomic Legacy!
— UP Tourism (@uptourismgov) October 31, 2025
Lucknow has officially been recognised as a UNESCO Creative City of Gastronomy during the 43rd session of the UNESCO General Conference in Samarkand, a proud moment that honours the city’s timeless flavours, culinary craftsmanship, and… pic.twitter.com/29iZjICzQf
यूनेस्को ने कहा कि नए नामित रचनात्मक शहरों में संगीत के लिए किसुमु (केन्या) और न्यू ऑरलियंस (अमेरिका), डिजाइन के लिए रियाद (सऊदी अरब), पाककला के लिए मातोसिन्होस (पुर्तगाल) और कुएनका (इक्वाडोर), फिल्म के लिए गीजा (मिस्र), वास्तुकला के लिए रोवेनेमी (फिनलैंड), मीडिया कला के लिए मलंग (इंडोनेशिया) और साहित्य के लिए एबरिस्टविथ (ब्रिटेन) के नाम भी शामिल हैं जो इस बात का उदाहरण हैं कि कैसे स्थानीय रचनात्मकता एक विशिष्ट सांस्कृतिक विशेषज्ञता को बढ़ावा देती है और सामाजिक सामंजस्य के साथ आर्थिक गतिशीलता पैदा करती है। ‘रचनात्मक शहर' एस्सौइरा (मोरक्को) में नेटवर्क के वार्षिक सम्मेलन 2026 के लिए जुटेंगे। एस्सौइरा को 2019 में संगीत के लिए रचनात्मक शहरों की सूची में स्थान मिला था।
