लश्कर का टॉप आतंकी सैफुल्लाह खालिद पाकिस्तान में ढेर, RSS मुख्यालय पर हमले का था मास्टरमाइंड

punjabkesari.in Sunday, May 18, 2025 - 09:10 PM (IST)

नेशनल डेस्क: लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष आतंकी सैफुल्लाह खालिद को पाकिस्तान में अज्ञात हमलावरों ने मार गिराया है। भारत की खुफिया एजेंसियों को लंबे समय से इस खूंखार आतंकी की तलाश थी जो भारत में हुए कई बड़े आतंकी हमलों में शामिल रहा है। खालिद की मौत को भारत के लिए राहत और आतंकी नेटवर्क के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

कौन था सैफुल्लाह खालिद?

सैफुल्लाह खालिद लश्कर-ए-तैयबा का एक बेहद अहम ऑपरेटिव था। उसे भारत में आतंक फैलाने की खास जिम्मेदारी दी गई थी। वह लंबे समय तक नेपाल में छिपकर भारत में हमलों की योजना बनाता रहा। वहां वह 'विनोद कुमार' और कई अन्य फर्जी नामों से काम कर रहा था। खालिद लश्कर और जमात-उद-दावा के लिए फंडिंग का भी काम करता था और इन संगठनों की आतंकी गतिविधियों के लिए पैसे जुटाता था। जब भारतीय खुफिया एजेंसियों को उसकी मौजूदगी की जानकारी मिली तो वह नेपाल से भागकर पाकिस्तान पहुंच गया। हाल के दिनों में वह पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित मतली (बदीन) इलाके से अपनी गतिविधियां चला रहा था। लेकिन अब वहां उसे अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी। हमलावर कौन थे यह अब तक साफ नहीं है।

भारत में किन हमलों में शामिल था सैफुल्लाह?

सैफुल्लाह खालिद भारत के तीन बड़े आतंकी हमलों में सीधे तौर पर शामिल था।

  1. 2006 - नागपुर RSS मुख्यालय हमला:
    खालिद ने इस हमले की साजिश रची थी। यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्यालय को निशाना बनाने की योजना थी जिसमें सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता से बड़ी तबाही टली थी।

  2. 2001 - रामपुर CRPF कैंप हमला:
    इस हमले में कई जवान शहीद हुए थे। खालिद ने हमलावरों को तैयारी कराई और हमले की योजना को अंजाम तक पहुंचाया।

  3. 2005 - बंगलौर हमला:
    बंगलौर में हुए इस हमले में भी खालिद का सीधा हाथ था। वह हमलावरों को रसद और फंडिंग उपलब्ध कराता था।

कैसे ऑपरेट करता था नेपाल से?

नेपाल में उसने कई सालों तक रहकर भारतीय सीमाओं में घुसपैठ करवाई और आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया। खालिद भारत में कई sleeper cells से संपर्क में था और उन्हें दिशा-निर्देश देता था। वह वहां के नागरिकों के नाम से दस्तावेज बनवाकर अपनी पहचान छिपाता रहा।

पाकिस्तान में कैसे मारा गया?

बताया जा रहा है कि वह सिंध के बदीन जिले में मतली नामक जगह पर छिपा हुआ था। यहीं पर अज्ञात हमलावरों ने उस पर गोलीबारी की जिसमें उसकी मौत हो गई। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि यह हमला आतंरिक गुटबाजी का परिणाम है या फिर किसी सुरक्षा एजेंसी की कार्रवाई। लेकिन एक बात तय है कि खालिद की मौत से लश्कर के नेटवर्क को तगड़ा झटका लगा है।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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