लेह में छात्रों का उग्र प्रदर्शन, बीजेपी कार्यालय और CRPF वाहन को किया आग हवाले
punjabkesari.in Wednesday, Sep 24, 2025 - 02:56 PM (IST)

नेशनल डेस्क : लद्दाख राज्य और आदिवासी दर्जे की मांग को लेकर लेह में चल रहे विरोध प्रदर्शन बुधवार को हिंसक रूप धारण कर लिया। छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हुई, जिसमें छात्रों ने बीजेपी कार्यालय और CRPF की गाड़ी में आग लगा दी। स्थिति तनावपूर्ण होने पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए। इस बीच, गृह मंत्रालय ने लद्दाख के नेताओं से बातचीत शुरू कर दी है। अगली बैठक 6 अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजित होगी।
#WATCH लेह, लद्दाख: लद्दाख के लोगों द्वारा राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची के तहत लद्दाख को शामिल करने की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने लेह में भाजपा कार्यालय में आग लगा दी। pic.twitter.com/kz5uwrAcK4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 24, 2025
प्रदर्शनकारियों की बिगड़ी तबीयत
जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक पिछले 15 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं। उनके साथ बैठे दो प्रदर्शनकारी अचानक बीमार पड़ गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इस बीच, प्रदर्शनकारियों की मांग लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और राज्य का दर्जा देने की है। दो महिला प्रदर्शनकारियों की तबीयत बिगड़ने के बाद प्रदर्शन में और भी अधिक तनाव पैदा हो गया। अंचुक और अंचुक डोल्मा नामक दो प्रदर्शनकारियों की तबीयत खराब होने के बाद आसपास अफरा-तफरी मच गई। इस बीच, लेह हिल काउंसिल की इमारत पर पथराव भी हुआ। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई।
तत्काल कार्रवाई की मांग
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व लद्दाख के स्थानीय लोग कर रहे हैं। आयोजकों ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस मामले में अंतिम निर्णय के लिए 6 अक्टूबर की तारीख तय की है, लेकिन वे इससे पहले ही समाधान की मांग कर रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हमारी मांग तत्काल कार्रवाई की है। लद्दाख के लोग अब और इंतजार नहीं कर सकते।"
कारगिल में पूर्ण बंद की घोषणा
आंदोलन के समर्थन में कारगिल की आयोजन समिति के सदस्य सज्जाद करगली ने बताया कि गुरुवार को कारगिल में पूर्ण बंद रहेगा। उन्होंने कहा कि आंदोलन ज़ोर पकड़ रहा है और एकजुट होकर नई दिल्ली को एक सशक्त संदेश दिया जाएगा।
पिछले दो सप्ताह से इस आंदोलन में पुरुष, महिलाएं और युवा बड़ी संख्या में शामिल हैं। वे लद्दाख के लिए संवैधानिक सुरक्षा और राजनीतिक अधिकारों की मांग कर रहे हैं। वहीं, अधिकारियों ने संवेदनशील स्थानों और प्रदर्शन स्थलों के आसपास सुरक्षा कड़ी कर रखी है।