पार्टी में बगाबत, विधायकों की नाराजगी...जानें क्या हैं बिप्लव कुमार देव के इस्तीफे के पीछे की वजह?

punjabkesari.in Saturday, May 14, 2022 - 05:21 PM (IST)

नेशनल डेस्कः त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देव ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। एक दिन पहले यानि शुक्रवार को उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। सूत्रों के मुताबिक, “अमित शाह से मुलाकात के बाद देव ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया है। इस इस्तीफे के बाद त्रिपुरा की राजनीति में भूचाल आ गया है। चार साल पहले नॉर्थ-ईस्ट के सबसे बड़े राज्य त्रिपुरा में भाजपा ने 25 साल से सत्ता पर काबिज सीपीआईएम को बेदखल कर अपनी सरकार बनाई थी और बिप्लव कुमार देव पर पार्टी ने भरोसा जताया था। त्रिपुरा में अगले साल विधानसभा चुनाव होंगे।

चुनाव से महज 10 महीने पहले बिप्लव के इस्तीफे के पीछे क्या हैं वजह?
त्रिपुरा में बिपल्व कुमार देव से कई नेता नाराज बताए जा रहे थे। इसी साल फरवरी में दो विधायकों सुदीप रॉय बर्मन और आशीष साहा ने इस्तीफा दे दिया था। दोनों विधायकों ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था। विधायकों ने अपनी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि त्रिपुरा में कोई कानून व्यवस्था नहीं है। राज्य की पुलिस भी लोगों के जान-माल की रक्षा करने में पूरी तरह विफल साबित हो रही है।

बर्मन ने मुख्यमंत्री बिप्लब देब का नाम लिए बिना उन्होंने उन पर आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेताओं के सामने वह सिर्फ अपनी लोकप्रियता साबित करने में लगे हुए हैं। हमारे राज्य की संस्कृति और विरासत को बर्बाद किया जा रहा है। राजनीतिक फायदे के लिए लोगों को लड़वाया जा रहा है। मुख्यमंत्री बिप्लब देब के अब दिन गिने-चुने रह गए हैं। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी के एक अन्य विधायक आशीष साहा ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य के मुख्यमंत्री बिप्लब देब का नाम लिए बिना उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

पार्टी के अंदर लगातार विरोध के स्वर
बिप्लव कुमार देव के खिलाफ पार्टी के अंदर ही बगावत शुरू हो गई थी। पार्टी के कई नेता और विधायक सीएम देव से नाराज बताए जा रहे थे। पिछले साल भी उनके इस्तीफे की खबरें सामने आईं थी लेकिन पार्टी हाईकमान ने नेताओं की बात को नजरअंदाज कर देव को अपनी पारी को लगातार जारी रखने को कहा था।

पिछले साल भी विधायकों की बगावत के ताकत दिखाने की कोशिश
बिपल्ब कुमार देव ने पिछले साल पार्टी विधायकों की बगावत के बाद एक मैदान में अपना बाहुबल प्रदर्शित करने की कोशिश की थी। लेकिन पार्टी हाईकमान के आदेश के बाद उन्होंने अपने इस कार्यक्रम को टाल दिया था। बता दें कि साल 2020 में पार्टी के 9 विधायक बगावत कर दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर देव को हटाने की मांग की थी।

क्या है त्रिपुरा विधानसभा की मौजूदा स्थिति
60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा में मौजूदा समय में भाजपा के पास 31 विधायक हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 33 सीटों पर कब्जा कर सरकार बनाई थी। वहीं, सीपीआईएम के पास 33 सीटें और आईपीएफटी के पास 8 सीटें हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Yaspal

Recommended News

Related News