दफ्तर जाने और दस्तखत करने पर पाबंदी... जानिए किन शर्तों पर सुप्रीम कोर्ट ने दी केजरीवाल को जमानत
punjabkesari.in Friday, Sep 13, 2024 - 11:31 AM (IST)
नेशनल डेस्क: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने कथित शराब घोटाले के मामले में उन्हें सीबीआई के केस में जमानत दे दी है। इससे पहले, उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मामले में भी जमानत मिल चुकी थी। अब सीबीआई के मामले में जमानत मिलने के बाद, उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है।
जमानत के साथ सुप्रीम कोर्ट की शर्तें
सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के साथ कुछ महत्वपूर्ण शर्तें भी लगाई हैं। इन शर्तों का पालन करने के लिए केजरीवाल को मजबूर किया गया है:
1. मुख्यमंत्री कार्यालय और सचिवालय में जाने की पाबंदी: केजरीवाल को अपने मुख्यमंत्री कार्यालय और सचिवालय में जाने की अनुमति नहीं होगी। इसका मतलब है कि वे अपने सरकारी कामकाज को अपनी ऑफिस की जगह से संचालित नहीं कर सकेंगे।
2. सरकारी फाइलों पर दस्तखत करने की रोक: केजरीवाल को किसी भी सरकारी फाइल पर दस्तखत करने की अनुमति नहीं होगी, जब तक कि यह आवश्यक न हो। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वे किसी सरकारी दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करके अपनी स्थिति का दुरुपयोग न करें।
3. पब्लिक बयानों पर पाबंदी: इस मामले से संबंधित किसी भी मुद्दे पर सार्वजनिक बयान या टिप्पणी करने की रोक लगाई गई है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि वे केस के बारे में कोई सार्वजनिक विवाद न उत्पन्न करें।
4. गवाहों से बातचीत की रोक: केजरीवाल को केस के गवाहों से किसी भी प्रकार की बातचीत करने की अनुमति नहीं होगी। इसका उद्देश्य गवाहों को प्रभावित करने से रोकना है।
5. आधिकारिक फाइलों तक पहुंच पर पाबंदी: इस मामले से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक पहुंच की अनुमति नहीं होगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि वे किसी भी महत्वपूर्ण दस्तावेज़ को प्रभावित न कर सकें।
6. ट्रायल कोर्ट में पेशी और जांच में सहयोग: केजरीवाल को आवश्यकता पड़ने पर ट्रायल कोर्ट में पेश होना होगा और जांच में पूरा सहयोग देना होगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि वे कानूनी प्रक्रिया का पूरा पालन करें।
#WATCH | Delhi: On Delhi CM Arvind Kejriwal's bail, Advocate Sanjeev Nasiar says, "... The bail has been granted in the CBI case... It is a big day of relief. The CM was jailed for the last 5 months... Both judges have different views as far as the arrest is concerned. I will be… pic.twitter.com/cvtcxS3Kqp
— ANI (@ANI) September 13, 2024
10 मई को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत
अरविंद केजरीवाल को कथित शराब घोटाले के मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें 10 मई को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी। इसके बाद, 2 जून को उन्होंने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था। अब, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सीबीआई के मामले में भी जमानत दे दी है, जिससे वे जेल से बाहर आ सकेंगे।
जानिए क्या है दिल्ली का कथित शराब घोटाला
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति 2021-22 को लागू किया था। इस नीति के तहत, शराब का कारोबार पूरी तरह से निजी हाथों में सौंप दिया गया था और सरकार का सीधा हस्तक्षेप खत्म कर दिया गया था। दिल्ली सरकार का दावा था कि नई शराब नीति के तहत माफिया का प्रभाव समाप्त होगा और सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी। हालांकि, यह नीति विवादों में घिर गई और 28 जुलाई 2022 को सरकार ने इसे रद्द कर दिया।
#WATCH | Delhi: Supreme Court grants bail to Delhi CM Arvind Kejriwal in a corruption case registered by CBI in the alleged excise policy scam.
— ANI (@ANI) September 13, 2024
Delhi Minister Saurabh Bharadwaj says, "Today's newspapers say that around 40 people were made accused and only 2 people remained in… pic.twitter.com/LMzwX8x3Zm
कथित शराब घोटाले का खुलासा 8 जुलाई 2022 को दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट से हुआ था। इस रिपोर्ट में मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के कई प्रमुख नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की, जिसके बाद 17 अगस्त 2022 को सीबीआई ने केस दर्ज किया। इस मामले में पैसे की हेराफेरी के आरोप भी लगे, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए ईडी ने भी केस दर्ज किया।
मुख्य सचिव की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि नई शराब नीति के तहत लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ दिया गया। इसके अलावा, कोविड के बहाने 144.36 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस माफ कर दी गई और एयरपोर्ट जोन के लाइसेंसधारियों को 30 करोड़ रुपये की राशि लौटा दी गई, जो कि जब्त की जानी थी।